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उत्तराखंड में एक समुदाय विशेष की बढ़ती आबादी और इसके दुष्प्रभावों को शासन ने गंभीरता से लिया है (uttarakhand government serious on demographic shifting of people) । उत्तराखंड शासन ने इस संबंध में चिंता जताते हुए डीजीपी, सभी जिलाधिकारियों और एसएसपी को इस समस्या के निदान के लिए ठोस एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। शासन की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि ‘संज्ञान में आया है कि प्रदेश के कुछ विशेष क्षेत्रों में जनसंख्या में अत्यधिक वृद्धि होने से जननांकीय (डेमोग्राफिक) परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं जिसका कुप्रभाव ‘कतिपय समुदाय के लोगों का उन क्षेत्रों से पलायन’ के रूप में सामने आने लगा है। इतना ही नहीं इससे वहां का सांप्रदायिक माहौल बिगड़ने की संभावना भी बनी हुई है। इस संबंध में चिंता जताते हुए शासन ने डीजीपी, सभी जिलाधिकारियों और एसएसपी को इस समस्या के निदान के लिए कुछ एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। ये सख्त निर्देश डीजीपी, सभी जिलाधिकारियों एवं एसएसपी को निर्देश दिए गए हैं कि प्रत्येक जिले में जनपद स्तरीय एक समिति गठित की जाए। समिति इस समस्या के निदान के लिए अपने सुझाव देगी। इसके अलावा संबंधित क्षेत्रों में शांति समितियों का भी गठन किया जाए तथा समय–समय पर इन समितियों की बैठकें आयोजित की जाएं। शासन ने निर्देश दिए हैं कि जिलों में इस प्रकार के क्षेत्रों का चिन्हीकरण करते हुए वहां निवास कर रहे असामाजिक तत्वों के खिलाफ कठोर करवाई की जाए। इसके साथ ही जिलेवार ऐसे व्यक्तियों की सूची तैयार करने को कहा गया है जो अन्य राज्यों से आकर यहां रह रहे हैं और उनका अपराधिक इतिहास है। ऐसे लोगों का व्यवसाय और मूल निवास स्थान का सत्यापन करके उनका रिकॉर्ड तैयार करने के निर्देश भी दिए गए हैं। जिलाधिकारियों को कहा गया है कि इन क्षेत्र विशेष में भूमि की अवैध ख़रीद–फरोख्त पर विशेष निगरानी रखी जाए। इस पर रोक लगाते हुए यह देखा जाए कि कोई व्यक्ति किसी के डर या दवाब में अपनी संपत्ति न बेच रहा हो। निर्देश दिए गए हैं कि जिले में निवास कर रहे विदेश मूल के उन लोगों के खिलाफ सख्त करवाई करें जिन्होंने धोखे से भारतीय वोटर कार्ड अथवा पहचान पत्र बनवाए हैं। ऐसे लोगों का रिकॉर्ड तैयार कर उनके खिलाफ नियमानुसार करवाई की जाए।

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