उत्तराखंडी भाषा प्रचार समिति द्वारा उत्तराखंडी भाषा बोलियों पर परिचर्चा तथा भावी पीढ़ी को अपनी मातृभाषा -बोली से परिचित कराने के उद्देश्य से एक जागरूकता अभियान शुरू किया गया है।
यह जानकारी देते हुए समिति के अध्यक्ष डॉ बिहारीलाल जलन्धरी ने बताया कि यह अभियान उत्तर भारत के कुछ राज्यों में उत्तराखंड समाजसेवी संस्थाओं के माध्यम से आम उत्तराखंडियों तक अपनी पहुंच बनाने हेतु तथा उन्हें अपनी बोली भाषा के प्रति प्रेरित करने हेतु संचालित किया जा रहा है।
इस बहुचरणीय जागरूकता अभियान की शुरुआत 16 अक्टूबर 2021 को अंबाला से होगी तथा इस अभियान का समापन 21 अक्टूबर 2021 को एक प्रेस वार्ता के आयोजन के साथ उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में होगा ।16 अक्टूबर को ही हरियाणा राज्य के अंबाला, डेराबस्सी, बलटाना में इस अभियान के तहत परिचर्चा व अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया गया ।
अभियान के तहत आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए डॉ जलन्धरी ने बताया कि 17 अक्टूबर को पंजाब स्थित चंडीगढ़ नयागांव मोहाली पंजाब के उपनगरीय इलाके खरड में तथा हरियाणा राज्य के पंचकुला में कार्यक्रम का आयोजन हुआ । 18 अक्टूबर को उत्तराखंडी भाषा प्रचार समिति के तत्वावधान मैं हिमाचल प्रदेश के नाहन, कसौली गडखल तथा सोलन में जागरूकता अभियान के अंतर्गत कार्यक्रम का आयोजन हुआ
डॉ जलन्धरी ने बताया कि 19 अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश के कंडाघाट व शिमला में कार्यक्रम आयोजित होंगे, 20 अक्टूबर को उत्तराखंड के गांव पत्यूड़ कथियान मैं जागरूकता अभियान के अंतर्गत उत्तराखंड की भाषाओं -बोलियों पर आधारित परिचर्चा होगी तथा आगामी दिवस 21 अक्टूबर को देहरादून में प्रेस वार्ता के आयोजन के साथ जागरूकता अभियान का समापन किया जाएगा। इस अभियान के अंतर्गत डॉ जलन्धरी के साथ समिति के भारत सिंह नेगी सदस्य सचिव व अनेक पदाधिकारी गण व सदस्य उपरोक्त कार्यक्रम आयोजन स्थलों पर स्थानीय व विद्बत्तजनों व भाषाविदों के सहयोग से स्थानीय नागरिकों के साथ संवाद कायम करेंगे, तथा उत्तराखंडी बोली भाषा के प्रसार तथा शिक्षण हेतु भावी रणनीति तैयार करेंगे।