गढ़वाली गायक दर्शन फरस्वाण इन दिनों लोकप्रियता के शिखर की ओर उत्तरोत्तर बढ़़ रहे हैं। ‘झुमैली झुमक्याली’ के बाद उनका ‘माया को झमकाझोळा’ गीत इन दिनों हर कहीं सुनाई दे रहा है। इससे पहले ‘जै-जै बोला’ ने धूम मचाई। गोरील के जागर की वीडियोग्राफी अद्भुत थी। दर्शन का लुक भी स्वयं में अद्वितीय है। महिलाओं जैसे लंबे भूरे केश, चार-चार मीटर की दूरी पर उगी मूंछें और ऊपर से टोपी,काला चश्मा इस छरहरे जवान पर खूब फबता है। वीडियोग्राफी में दर्शन का अभिनय भी गजब का होता है। हाथों की लचक और चेहरे के भाव गर्दन से नीचे के शरीर को एक्टिंग करने की आवश्यकता महसूस नहीं होने देते। गीतों में शब्दों का चयन श्रेष्ठ स्तर का। भाषा में प्रांजलता। चमोली जिले के निवासी दर्शन के शब्दों में गढ़वाल और कुमाऊँ दोनों मंडलों की अन्वार आती है,क्यों कि वे कुमाऊँ और गढ़वाल की सीमा के निवासी हैं। उनकी गायकी में प्रसंगानुकूल शब्द और प्रसादगुण युक्त पंक्तियां गीतों में अनूठा आकर्षक उत्पन्न करती हैं। दर्शन का कंठ सुरीला है और गायन का ढंग भी नवीनता वाला होता है। ऐसे गायकों पर गर्वानुभूति होती है। शाबाश भुला दर्शनु, लग्यूं र।
-डॉ.वीरेन्द्रसिंह बर्त्वाल,देहरादून