युवा कवि-पत्रकार जगमोहन आज़ाद ने पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके आवास पर शिष्टाचार भेंट की,इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवा पत्रकार जगमोहन आज़ाद को उनके द्वारा किए जा रहे लेखक कार्यों के लिए रामायण, हनुमान चालीसा और एक सिक्का अयोध्या के ‘प्रसाद’ (पवित्र भेंट) के रूप में देकर सम्मानित किया।
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के ग्राम नौली में जन्में जगमोहन आज़ाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी पुस्तकें भेंट कर भविष्य में प्रकाशित होने वाले अपने शोध कार्य के बारे में मुख्यमंत्री योगी जी को अवगत कराया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जगमोहन आज़ाद को उज्जवल भविष्य के लिए आशीष प्रदान किया। साथ ही कहा की आप अपने रचनाक्रम को निरंतर आगे बढ़ाने और पहाड़ की विचारधार,पहाड़ के जीवन परिवेश,पहाड़ के महापुरूष पर कार्य करें,पहाड़ जैसे तटस्थ रहते हुए पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना,अपने गांव अपनी माटी का नाम रोशन करें। मेरी शुभकामनाएं हमेशा आपके साथ है।
जगमोहन आज़ाद पिछले 25 वर्षो से पत्रकारिता से जुड़े रहते हुए कई उपलब्धियां प्राप्त कर चुके हैं। दिल्ली दूरदर्शन, हिदुस्तान, इंडिया टुडे, अमर उजाला, जनसत्ता, राष्ट्रीय सहारा जैसे प्रतिष्ठितानों में पत्रकारिता के क्षेत्र में नयी भूमिका स्थापित करते हुए जगमोहन आज़ाद वर्तमान में सहारा न्यूज चैनल में वरिष्ठ प्रोड्यूसर के पद पर कार्यरत है। पहाड़ की माटी से उपजे,पहाड़ के संघर्षों में पले-बढ़े और पहाड़ जैसा जीवन जीने वाले जगमोहन आज़ाद के संघर्षों की कहानी बहुत विचलित करने वाली है। दिल्ली की सड़कों पर रिक्शा चलाने,दिल्ली के छाप खानों में जीवन के लिए संघर्ष करने और तमाम पहाड़ के लोगों की तरह खुद को साबित करने लिए संघर्षों के करने वाले जगमोहन आज़ाद के साथ आज बहुत सी उपलब्धियां भी जुड़ी है। जगमोहन के तीन कविता संग्रह,एक बाल कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके है। जगमोहन ने हिंदी के सुप्रसिद्ध आलोचक डॉक्टर नामवर सिंह के सानिद्ध में गढ़वाली कवि चंद्र कुंवर बर्त्वाल पर ‘प्रकृति के कवि चन्द्रकुंवर बर्त्वाल’ पुस्तक का संपादन किया हैं। जिसके लिए उन्हें चंद्रकुँवर बर्तावाल मेघदूत सम्मान से सम्मानित किया गया। जगमोहन आज़ाद उत्तराखंड के लोक कलाकारों के जीवन परिवेश पर शोध करने वाले पहले शोधकर्ता है। जो ’लोक की बात’ नाम से प्रकाशित है। इसी के साथ जगमोहन उत्तराखंडी सिनेमा और उत्तराखंड की लोक विरासत पर भी शोध कर रहे हैं। वह साहित्य कला एवं फिल्म से जुड़े लगभग चार सौ लोगों के साक्षात्कार कर चुके हैं। जिसके लिए उन्हें कई सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है। जगमोहन आज़ाद को उनके लेखन के लिए कई सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है।