देहरादून: उत्तराखंड में भी अजब-गजब चल रहा है जहां 2024 के लिए भाजपा को तैयारी करनी थी और निकाय चुनाव तैयारियों में जुट जाना था और सरकार और केंद्र सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाना था लेकिन भाजपा के वरिष्ठ मंत्री दबंगई दिखाने में व्यस्त हैं। जब वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ सरकार और मंत्री की खूब फजीहत हुई तब सीएम ने संज्ञान लिया लेकिन भाजपा के संगठन में बैठे किसी भी व्यक्ति ने कोई टिप्पणी नहीं की जबकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने एक प्रेस रिलीज में मंत्री पर हुए हमले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था लेकिन लेकिन अध्यक्ष यह भूल गए मंत्री और मंत्री का स्टाफ जब एक आम आदमी को खोपचे में जाकर मार रहे हैं , इस पर भाजपा चुप्पी साधे हुए हैं
मंत्री के मारपीट मामले में एक और नया वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसको देखकर आप बता सकते हैं की आखिर में मंत्री और मंत्री का स्टाफ एक युवक पर कैसे पिल पड़े हैं।
। सुरेंद्र नेगी की पिटाई करने के मामले में दर्द f.i.r. में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का नाम नहीं होने पर विवाद खड़ा हो गया है एक तरफ एसएसपी देहरादून दिलीप सिंह कुंवर ने बताया कि मंत्री समेत तीन के खिलाफ बलवा मारपीट और गाली गलौज की धाराओं में केस दर्ज किया गया है वहीं दूसरी और ए फायर में आरोपी सिर्फ मंत्री के प्यारो कौशल बिजल्वाण को बनाया गए हैं कांग्रेस ने मंत्री को बचाने का आरोप लगाते हुए प्रदेश में जगह-जगह पुतला दहन और प्रदर्शन किया, दूसरी और मंत्री के गनर ने मंत्री के थप्पड़ खाने वाले युवक और उसके साथी के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया है दोनों मुकदमा की विवेचना ऋषिकेश कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक खुशीराम पांडे को सौंपी गई है।
तहरीर बदलने पर हाईकोर्ट के वकील डीएस मेहता ने F I R में दर्ज किया जाता है जो तहरीर में होते हैं नाम हटाना जोड़ना विवेचना का हिस्सा होता है तहरीर को अक्षरशः करना जरूरी है यदि पुलिस तहरीर को छोटे रूप में करती है तो उसके लिए शिकायतकर्ता की अनुमति जरूरी है शिकायतकर्ता की अनुमति के बिना तहरीर में परिवर्तन गैरकानूनी है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हैं अब देखना होगा पुलिस इस पर क्या कार्रवाई करती है।