चुनाव के लिए मतदान प्रक्रिया शुरू, घर बैठे डाले डा रहे हैं वोट; जानें क्या होती है होम वोटिंग

उत्तराखंड के 12 हजार 892 बुजुर्ग और दिव्यांग इस बार लोकसभा चुनाव में घर से मतदान कर रहे हैं। इस मतदान की पारदर्शिता को लेकर चुनाव आयोग का दावा है कि पूरी वीडियोग्राफी के साथ पोलिंग पार्टियां मतदान करा रही हैं।

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प्रदेश में 65,160 वृद्ध मतदाता

प्रदेश में कुल 65,160 वृद्ध मतदाता हैं, जिनकी आयु 85 साल से अधिक है। वृद्ध मतदाताओं को पोस्टल बैलेट के माध्यम से घर से ही वोट करने की सुविधा का निर्णय चुनाव आयोग ने लिया था। इसके लिए प्रदेशभर से अभी तक 9,993 वृद्ध मतदाताओं के आवेदन मिले हैं। इन सभी वृद्ध मतदाताओं को घर पर ही पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। राज्य में 80,335 दिव्यांग मतदाता चिह्नत हैं, जिनमें से 2899 ने घर से वोट करने के लिए आवेदन किया है। इस चुनाव की पारदर्शिता को लेकर चुनाव आयोग का कहना है कि उनकी पूरी टीम घर पर वोट डलवाने जा रही है। इस मतदान की पूरी वीडियोग्राफी भी की जा रही है।

रूट प्लान तैयार

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सभी एआरओ के माध्यम से इन मतदाताओं तक पहुंचने के लिए रूट प्लान तैयार किया गया है। वृद्ध और दिव्यांग मतदाताओं के लिए घर पर जाकर मतदान की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आठ से दस अप्रैल तक प्रथम चरण का मतदान करने का निर्णय लिया गया था। कुछ जिलों ने अपनी सुविधा के अनुरूप परिवर्तन करने के लिए छूट दी थी। कुछ ने वृद्ध और दिव्यांग मतदाताओं को पांच व छह अप्रैल से घर पर जाकर मतदान करवाने का निर्णय लिया है। वृद्ध और दिव्यांग मतदाताओं को घर में जाकर मतदान की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए दूसरा चरण 10 से 13 अप्रैल के बीच में किया जाएगा।

क्या है होम वोटिंग, किसे मिलता है मौका?

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होम वोटिंग वो प्रक्रिया है जिसके जरिए चुनाव आयोग के अधिकारी मतदाता के घर जाते हैं और उनसे मतदान कराते हैं। पिछले कुछ चुनावों में भी होम वोटिंग कराई गई जो सफल रही। ये विशेष मतदान दल डाक मतपत्रों के माध्यम से मतदान कराते हैं। पहले चरण के लिए 5 से 14 अप्रैल तक होम वोटिंग कराई जाएगी।

होम वोटिंग का अधिकार कुछ खास मतदाताओं को दिया गया है। इन्हें 27A of the Conduct of Elections Rules, 1961 कानून के एब्सेंटी वोटर सेक्शन के तहत चिन्हित किया जाता है। मतदाता को होम वोटिंग के लिए चुने जाने के कुछ नियम भी हैं। इसके लिए मतदाता की उम्र 80 साल या इससे अधिक होनी चाहिए. दिव्यांग मतदाताओं को यह मौका मिलता है। कोविड जैसी संक्रमित बीमारी से जूझने वालों को यह मौका दिया जाता है। इसके अलावा कुछ जरूरी सर्विस से जुड़े लोगों को होम वोटिंग का मौका दिया जा सकता है।

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कैसे कर सकते हैं आवेदन?

होम वोटिंग के लिए आवेदन करने वाले योग्यत आवेदकों को अपने लोकसभा क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर को फॉर्म 12-D देना होगा। चुनाव का नोटिफिकेशन जारी होने के 5 दिन के अंदर उस मतदाता को इसके लिए आवेदन करना होगा। आवेदन मंजूर होने के बाद पोलिंग टीम के साथ चुनाव आयोग के दो अफसर मतदाता के घर पर आते हैं। उन्हें मतदान पत्र के जरिए वोटिंग करने में मदद करते हैं इस मतदान के दौरान पारदर्शिता बरतने के लिए इन वोटर्स की एक लिस्ट बनाई जाती है। लिस्ट को उस क्षेत्र के पार्टी उम्मीदवारों को साथ साझा किया जाता है। मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद रिटर्निंग ऑफिसर के पास बैलेट पेपर को सुरक्षित रखवा दिया जाता है। इन मतदान पत्रों के गिनने की प्रक्रिया सामान्य मतों की गिनती के दौरान ही होती है।