पर्यावरण दिवस के अवसर पर गढ़वाल विवि द्वारा विविध कार्यक्रम किए गए आयोजित-पर्यावरण संरक्षण पर दिया गया बल तो केदारनाथ में फैली गंदगी पर जताई चिंता

*

electronics
  • हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि के चौरास परिसर में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एन.सी.सी और एन. एस.एस छात्रों व शिक्षकों द्वाराचौरास परिसर में वृक्षारोपण, पर्यावरणीय जागरूकता,स्वच्छता अभियान चलाया गया। वंही विश्वविद्यालय के एक्टिविटी सेंटर चौरास परिसर में
    गढ़वाल विश्व विद्यालय की कुलपति प्रो.अन्नपूर्णा नौटियाल ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर ऑनलाइन माध्यम से छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने कहां कि हम 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाते है हमें हर दिन पर्यावरण दिवस मनाने की जरूरत है।उन्होंने कहां कि केदारनाथ एक धरोहर है जहां चारों ओर कूड़ा फैला हुआ है एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमें इस तरह से नहीं करना चाहिए।पर्यावरण संरक्षण के लिए हमारा विश्वविद्यालय लगातार विभिन्न कार्यक्रम जिनमें स्पर्श गंगा अभियान,सेर सलीका,उमंग, व परिसर के अंदर बृहद वृक्षारोपण कार्यक्रमों के निश्चित रूप से आने वाले दिनों में सुखद परिणाम हमारे सामने होंगे.
    इस दौरान गढ़वाल विवि के एक्टिविटी सेंटर में
    अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर महावीर सिंह नेगी जो इस कार्यक्रम के संयोजक भी थे ने अपने संबोधन में कहा आज का दिन यह सोचने का दिन है कि हमने पिछले एक वर्ष में पर्यावरण संरक्षण के लिए अपना क्या योगदान दिया तथा आज का दिन यह संकल्प लेने का दिन है भी है कि हम आने वाले दिनों में पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे तथा पर्यावरण संरक्षण में हमारा क्या योगदान हो सकता है.इस पर विचार करने का दिन है. पिछले कई वर्षों से हम इस दिन पर वृक्षारोपण साफ सफाई का कार्य पर्यावरण संरक्षण को लेकर गोष्ठियाँ, वह पानी के प्राकृतिक स्रोतों की साफ सफाई का कार्य करते रहे हैं.
    इस दौरान उत्तराखंड की लोक संस्कृति, कला, रंगमंच व वाद्ययंत्रों को नया आयाम देने के लिए वर्षों से कार्य कर रहे प्रो. डी.आर. पुरोहित ने पर्यावरण से संबंधित व लोक संस्कृति को लेकर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा की हमारी हर जरूरत हमारे पर्यावरण से जुड़ी हुई है उन्होंने उत्तराखंड के गाँवो का उदाहरण देते हुए कहां कि आज भी उत्तराखंड के हर गाँव में आपको भूमियाल देवता जरूर देखने को मिलेंगे। क्योंकि यहां माना जाता है कि भूमियाल देवता हमारी भूमि और पर्यावरण की रक्षा करते है उन्होंने कहां कि गांधी जी ने गांधी जी का मानना था कि पृथ्वी, वायु, भूमि तथा जल हमारे पूर्वजों से प्राप्त सम्पत्तियां नहीं हैं। वे हमारे बच्चों की धरोहरें हैं। वे जैसी हमें मिली हैं वैसी ही उन्हें भावी पीढ़ियों को सौंपना होगा। वन्य जीवन, वनों में कम हो रहा है किन्तु वह शहरों में बढ़ रहा है।
    वहीं कार्यक्रम के दौरान ऑनलाइन माध्यम से टूरिज्म के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर प्रो.एस. सी बागड़ी ने कहा उत्तराखंड के प्रसिद्ध पर्यावरणविद सुन्दरलाल बहुगुणा व चंडी प्रसाद भट्ट को याद करते हुए छात्रों को अपना व्याख्यान दिया।पर्यटन आज किस तरीके से पर्यावरण को नुकसान पंहुचा रहा है यह अत्यंत गंभीर प्रश्न है. इस संवेदशील छेत्र में इकोटूरिज्म, विलेज टूरिज्म, हेरिटेज टूरिज्म को बढ़ावा देना होगा.
    गढ़वाल विवि में पर्यावरण विज्ञान के हेड प्रो.आर के मैखुरी ने भी छात्रों को अपना व्याख्यान दिया. उन्होंने कहा पहाड़ी कृषि, उनके परम्परागत तरीके सभी पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए सम्पन्न होते रहें है. आज आधुनिक खेती ने पर्यावरण को बहुत नुकसान पंहुचाया है । उन्होंने कहां कि आज हमें अपने अंदर झांकने की जरूरत है कि पर्यावरण के क्षेत्र में हम कहां जा रहे है। आज पूरे विश्व में पर्यावरण की स्थिति अच्छी नहीं है।
    इस दौरान प्रसिद्ध भूवैज्ञानिक प्रोफेसर वाई पी सुंदरियाल ने कहा आज पर्यावरण दिवस मनाने वाला भी मनुष्य है और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाला भी मनुष्य है। आज जो जंगलों में आग लग रही है उससे आने वाले समय में हम अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए कुछ नहीं बचा पाएंगे।उत्तराखंड में आपदा के जख्मो व कैसे इससे बचा जा सकता है पर विस्तार से अपनी बात रखी.
    वहीं इस दौरान गढ़वाल विवि के प्रोक्टर प्रो. वीपी नैथानी ने सभी का आभार ब्यक्त किया. इस अवसर पर
    प्रो.आर एस पाड़े, अरुणा रौथाण, राजेन्द्र सिंह,ज्योति नैलवाल लोकेश अधकारी, सूरज,नरेंद्र रौथाण प्रशांत भट्ट, रविन्द्र, आशुतोष व गढ़वाल विवि के एन सी सी के केडेट, एन एस एस के स्वयंसेवी, पर्यावरण व भूगोल विभाग के छात्र छात्राएं आदि मौजूद रहे।इसके साथ ही पूर्व में आयोजित विश्व साइकिल दिवस के अवसर पर आयोजित साइकिल प्रतियोगिता में हिमांशु आनंद एम पी एड प्रथम, मनोज भारती बीपीएड द्वितीय स्थान तथा आदित्य मौर्य बीपीएड तृतीय स्थान पर रहे. एकता को संपन्न कराने में डॉ हीरालाल यादव डॉ घनश्याम ठाकुर तथा डॉ लक्ष्मण कंडारी प्रो.राजपाल नेगी, डॉ सुरेंद्र बिष्ट, विद्यालय के खेल विभाग तथा डीएसडब्ल्यू बोर्ड परियों का सहयोग प्राप्त हुआ. ड्रॉइंग एंड पेंटिंग प्रतियोगिता जो प्रोफेसर धन सिंह बिष्ट के नेतृत्व में संपन्न हुई मैं प्रथम स्थान वरुण पांडे बीटेक फोर्थ सेमेस्टर आकृति यादव द्वितीय स्थान बीटेक फोर्थ सेमेस्टर तथा पायोज चौधरी एम ए सेकंड ईयर ड्रॉइंग ने तृतीय स्थान प्राप्त किया इस प्रतियोगिता में छात्रा प्रमिला कुमार तथा स्वाति बिष्ट ने सहयोग प्रदान किया.कार्यक्रम का सफल संचालन शोध की छात्रा नेहा चौहान ने किया।
ये भी पढ़ें:  देवभूमि को प्रकाशित करने निकली "तेजस्विनी"

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *