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परशुराम-लक्ष्मण संवाद का प्रभावपूर्ण मंचन देख तालियों से गूंज उठा पांडाल

शिव धनुष तोड़ सीता हुई राम की

वाचस्पति, रयाल,

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नरेंद्र नगर। पालिका की रामलीला मैदान में प्रभु राम की 63 वीं लीला के मंचन के दूसरे दिन राम-लक्ष्मण का जनकपुरी भ्रमण,मारीच,सुभाऊ व ताड़का वध,सीता स्वयंवर, धनुष-खंडन, परशुराम लक्ष्मण संवाद के मार्मिक दृश्यों का बेहतरीन मंचन व कलाकारों के उत्कृष्ट प्रदर्शन देख जहां दर्शक खूब उत्साहित नजर आए वहीं लीला के कलाकारों में भी नए उत्साह का संचार नजर आया।
लीला समिति के अध्यक्ष द्वारिका प्रसाद जोशी,निर्देशक रमेश असवाल,दिनेश कर्णवाल व शैलेंद्र नौटियाल के दिशा निर्देश व मार्गदर्शन में चल रही लीला के बेहतरीन मंचन को देख ठंड के बावजूद दर्शकों की भारी भीड़ से लीला समिति भी उत्साहित थी।
आज की लीला के मंचन में प्रभु राम के हाथों ताड़का,सुभाऊ व मारीच का मारा जाना रावण सहित उसके साम्राज्य को नेस्तनाबूद करने की ओर पहला कदम था।
ताड़का के पात्र में पंकज ड्यूँडी ने जहां पहले ही दृश्य में रंग जमाया,वहीं राम -लक्ष्मण का जनकपुरी भ्रमण का मनोहारी दृश्य दर्शकों को प्रभावित कर गया।
सीता स्वयंवर के लिए राजा जनक देश-विदेश के राजा-महाराजाओं को आमंत्रित करते हैं।
गुरु विश्वामित्र के साथ राम और लक्ष्मण भी जनकपुरी को प्रस्थान करते हुए रास्ते में अहिल्या का तारण करते हैं।
सीता स्वयंवर में राजा-महाराजाओं के बीच लंकेश रावण भी स्वयंवर में पहुंच जाते हैं, मगर बहन को मधु दैत्य के उठाकर ले जाने की आकाशवाणी सुनकर रावण स्वयंवर में माता सीता को एक दिन लंका दिखाने की चुनौती दे कर यह लौट जाता है।
राजाओं से जब शिव धनुष नहीं तोड़ा जा सका तो श्री राम भोलेनाथ का स्मरण कर धनुष का खंडन कर देते हैं। अपने गुरु शिव का धनुष टूटने की सूचना पाते ही परशुराम जनकपुरी पहुंचते हैं।
खंडित धनुष और दृश्य को देख परशुराम क्रोधित हो उठते हैं।
लक्ष्मण-परशुराम संवाद का बेहतरीन मंचन देख दर्शक रोमांचित हो उठे।
परशुराम की भूमिका में गौरव बिष्ट के बेहतरीन संवाद और प्रदर्शन ने तो लीला में समा बाँध दिया।पांडाल बार-बार तालियों से गूंज उठा।उधर लक्ष्मण की भूमिका में गौरव रावत भी कहीं परशुराम के सामने 19 नहीं पड़े।
परशुराम जी को यह पता चलने पर कि श्रीराम ही साक्षात विष्णु हैं तो वे राम के चरणों में नतमस्तक हो जाते हैं।राजा जनक,राजा दशरथ को निमंत्रण पत्र भेजने की तैयारी करते हैं।
राम की भूमिका में हितेश जोशी,लक्ष्मण की भूमिका में गौरव रावत,परशुराम की भूमिका में गौरव बिष्ट,रावण की भूमिका में धूम सिंह नेगी, ताड़का की भूमिका में पंकज ड्यूँडी,दशरथ की भूमिका में पवन ड्यूँडी, जनक की भूमिका में दिनेश कर्णवाल,जनकपुरी में मंत्री की भूमिका में द्वारिका प्रसाद जोशी, मारीच-शिवम ड्यूँडी,सुभाऊ-अखिलेश भंडारी की कला का दर्शकों ने खूब प्रशंसा की।
इस दौरान प्रकाश ड्यूँडी,मनोज गंगोटी, सरिता जोशी, सभासद मनवीर सिंह नेगी,सुरेंद्र थपलियाल,रमेश राणा सहित पांडाल में भारी संख्या में मौजूद दर्शकों ने लीला का आनंद उठाया।
मंच संचालन शिक्षक महेश गुसाईं व रितुराज सिंह नेगी ने संयुक्त रूप से किया।

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