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रैबार पहाड़ की खबर पर लगी मोहर-पुष्कर सिंह धामी बने फिर से उत्तराखंड के सीएम -हार के भी जीत गए धामी








उत्तराखंड राज्य का गठन हुए 21 साल हो चुके हैं। अपनी 20 साल की उम्र में ये राज्य 11 मुख्यमंत्री देख चुका है और अब एक बार फिर नए मुख्यमंत्री की ताजपोशी की तैयारी हो रही है। ऐसे में एक  बार  फिर मुख्यमंत्री  होंगे पुष्कर सिंह धामी जी हाँ बीजेपी कार्यालय में आयोजित विधानमंडल  दल की बैठक  में धामी के नाम पर मोहर लग गई हैं.

 

 

बताते हैं पार्टी आला कमान ने उनके नाम पर ही मोहर लगाई हैं , यानि तय  हैं धामी 23 मार्च को फिर  मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। आपको बता दें की उत्तराखंड के 2022 विधानसभा चुनावों में पुष्कर सिंह  धामी के नाम पर चुनाव लड़ा गया लेकिन वो खटीमा से ही चुनाव हार गए ऐसे में कयास यह लगाए गए कि मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी जगह किसी और को मौका दिया जा सकता है.

 


हालांकि पुष्कर सिंह धामी के पक्ष में कई विधायकों ने आलाकमान से आग्रह किया कि उनकी सीट खाली कर ली जाए और पुष्कर सिंह धामी को वहां से चुनाव लड़ाया जाए लगभग 11 दिनों के मंथन के बाद आखिरकार फैसला गया है  और पुष्कर सिंह  धामी  को कह दिया गया हैं की वो सीएम की शपथ  लें वही  अब 23 को शपथ  लेने के बाद  पुष्कर धामी  6 महीने  के अंदर  चुनाव  लड़कर  विधायक बनाना होगा इसके लिए किसी विधायक  की सीट खाली की जाएगी.


इससे पहले  चुनाव  से 6 महीने पहले ही उत्तराखंड के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री
पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ  ली थी 47 साल के धामी उत्तराखंड के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री हैं । उत्तराखंड की खटीमा विधानसभा सीट से लगातार दो बार से विधायक बनते रहे हैं लेकिन इस बार  चूक  गए भगत सिंह कोश्यारी के करीबी माने जाने वाले धामी ने भाजपा की युवा इकाई से राजनीति की शुरुआत की थी और 2002 से 2008 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे।

युवकों के बीच मजबूत पकड़
युवा मोर्चा का नेतृत्व संभालने के बाद उन्होंने प्रदेश भर में घूम-घूमकर यात्राएं की थीं और बेरोजगार युवाओं को एक साथ जोड़कर बड़ी रैलियां कर युवा नेता के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई थी। प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में ही चुनाव होने हैं ऐसे में युवाओं में उनकी पकड़ को देखते हुए बीजेपी ने उन पर भरोसा जताया है।


युवकों के बीच मजबूत पकड़
युवा मोर्चा का नेतृत्व संभालने के बाद उन्होंने प्रदेश भर में घूम-घूमकर यात्राएं की थीं और बेरोजगार युवाओं को एक साथ जोड़कर बड़ी रैलियां कर युवा नेता के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई थी। प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में ही चुनाव होने हैं ऐसे में युवाओं में उनकी पकड़ को देखते हुए बीजेपी ने उन पर भरोसा जताया है।

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