इस चुनावी समर में इस बार चुनाव में भाग्य आजमा रहे उम्मीदवारों के दिलचस्प आंकड़े सामने आए हैं कुछ प्रत्याशी आपराधिक मामलों में अव्वल हैं तो कुछ प्रत्याशी करोड़पति और अँगूठा छाप भी मैदान में हैं देखें एक खास रिपोर्ट… उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव में 632 उम्मीदवार इस समय मैदान में खड़े हैं इन सभी उम्मीदवारों के द्वारा चुनाव आयोग को दिये गए “एफिडेविट एसोसिएशन फोर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म संस्था” ने एक आंकलन किया है आकलन के अनुसार करीब 107 प्रत्याशी ऐसे हैं जिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं इसके साथ ही इनमें से 61 प्रत्याशी ऐसे हैं जिन पर गंभीर अपराधिक मामले हैं तो वहीं करोड़पति उम्मीदवारों की बात करें तो इनकी संख्या 252 है जो कुल उम्मीदवारों के 40% है इन उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति दो करोड़ 74 लाख के करीब है वहीं अगर भाजपा और कांग्रेस के अपराधिक उम्मीदवारों की बात करें तो भाजपा ने 13 ऐसे प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं जिन पर अपराधिक मामले दर्ज हैं वहीं 8 उम्मीदवार भाजपा के ऐसे हैं जिन पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं कांग्रेस के 23 उम्मीदवार ऐसे हैं जिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं और 11 प्रत्याशी ऐसे हैं जिन पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं सबसे अहम बात तो यह है कि एक राष्ट्रीय पार्टी के प्रत्याशी पर तो बलात्कार का मामला भी दर्ज है वहीं अगर शैक्षणिक योग्यता की बात करें तीनो एक बार ऐसे हैं जो अंगूठा छाप हैं और 26 प्रत्याशी ऐसे हैं जिनको सिर्फ साइन करने आते हैं वहीं अगर 5वी पास कैंडिडेट की बात करें तो उनकी संख्या 15 है 8वीं पास कैंडिडेट की संख्या 61 है 10वीं और 12वीं पास कैंडिडेट की संख्या 168 है वही टोटल कैंडिडेट में से 140 प्रत्याशी ऐसे हैं जो ग्रेजुएट है चुनाव आयोग ने इस बार चुनावी मैदान में उतरने वाले सभी प्रत्याशियों को ये आदेश दिए थे कि उन्हें अपनी अपराधिक पृष्ठभूमि से लेकर हर तरह की जानकारी अपने शपथपत्र में देनी होगी जिसके बाद अपराधिक प्रवृत्ति के साथ-साथ अन्य मामलों की जानकारी मिल जनता के सामने सार्वजनिक हो पाए ADR संस्था का यह कहना है कि राजनीतिक लोग अपने फायदे के लिए किसी भी तरह से मतदाताओं को लुभाने की कोशिश करते हैं वहीं इनके लिए नियम कायदे बिल्कुल भी लागू नहीं है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं कि जो अपराधिक प्रवृत्ति के कैंडिडेट हैं उनको अपनी जानकारी सार्वजनिक करनी होगी लेकिन चुनावी मैदान में डटे अपराधी प्रवृत्ति के कैंडिडेट भी गुपचुप तरीके से चुनाव लड़ रहे हैं इस लिए उनका यह कहना है कि अच्छे विधायक को चुनने के लिए मतदाता सोच समझकर मतदान करें उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में इस बार 632 कैंडिडेट चुनावी मैदान में है जिनमें से 107 कैंडिडेट अपराधिक पृष्ठभूमि के हैं जबकि 2017 में 51 उम्मीदवार ऐसे थे जिन पर अपराधिक मामले दर्ज थे इस बार अपराधिक प्रवृत्ति के उम्मीदवारों की संख्या बढ़ी है इसमें ना भाजपा पीछे और ना ही कांग्रेस पीछे हैं भाजपा के तकरीबन 21 प्रत्याशी ऐसे है अपराधिक मामले दर्ज हैं तो कांग्रेस के 34 कैंडिडेट पर अपराधिक मामले दर्ज हैं.
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