कुलदीप सिंह बिष्ट/पौड़ी
उत्तराखण्ड के पृथक होने से पहले पौड़ी जिले के डांडा नागराजा क्षेत्र में पर्यटकों के ठहरने के लिहाजे से इस क्षेत्र में बना पर्यटन रैन बसेरा अब खण्डर में तब्दील होकर अपनी दुर्दशा को साफ बया कर रहा है करोड़ो रूपये की लागत से बने इस पयर्टन रैन बसेरा का निर्माण उत्तरप्रदेश पर्यटन विभाग ने उस वक्त कराया था जब उत्तराखण्ड राज्य को एक अलग राज्य के तौर पर पहचान भी नही मिली थी लेकिन उत्तराखण्ड राज्य के पृथक होने के बाद ये रैन बसेरा अब अपनी दुर्दसा को साफ बयां कर रहा है पर्यटन रैन बसेरे की इमारत से लेकर इसकी खिडकी व दरवाजे खण्डरों में तब्दील हो चुके हैं जिससे ये अंदाजा साफ लगाया जा सकता है कि कोई जरूरतमंद व्यक्ति तो दूर कोई परिंदा भी इसमें ठहरने से कतराता होगा, जर्जर और खण्डर में तब्दील हुए इस रैन बसेरे को देख अंदाजा लगाया जा सकता है की उत्तराखण्ड बनने के बाद अब तक राज्य में राज करने वाली सरकार का ध्यान पहाड़ो की तरफ सरकार किस कदर रहा है जिसकी बागानी ये रैन बसेरा आज भी दे रहा है जबकि इस क्षेत्र में पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है पर्यटक यहां भगवान डांडा नागराजा के मंदिर में दर्शनों को पहुँचते हैं लेकिन यहां उनके ठहरने की व्यवस्था न होने के कारण वे मंदिर के दर्शन करने में बाद यहां से निकल जाया करते है वहीं अब जिले के पर्यटन अधिकारी कुशाल सिंह नेगी द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि अब इस पर्यटन रैन बसेरे की हालत को सुधारने के लिए जिला प्लान से 14 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई है जिसकी प्रथम किस्त निर्माण इकाई को दे दी गई है जल्द ही पर्यटन रैन बसेरे का निर्माण कार्य भी पूरा हो जाएगा, जिससे कि रैन बसेरा एक बार फिर से संचालन की स्थिति में आ जाएगा व रैन बसेरा को संचालन के लिए स्थानीय संचालक के हैंड ओवर कर दिया जाएगा।
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