अपनी सोच को उपर रखनें का प्रयास करो आचार्य ममगांई
हर व्यक्ति का मन कहीं ना कहीं लगा रहता है क्योंकि ज़ब सोचने की छमता स्वयं निर्मित होने लगती है तो बुरा भला का अनुभव खुद होने लगता है इसलिए दूसरे के विचार में लोग विचार करना छोड़ देते है और अपनी सोच क़ो ऊपर रखने का अक्सर प्रयास करने लगते गोपियों की तरह मन कन्हैया में तो भागे भागे आपके पास आकर रास करेंगें रास का मतलब परमात्मा में एकी कृत हो जाना ही रास है यह बात विकास खंड जखली के ग्राम उरोली में प्रसिद्ध कथावाचक आचार्य शिवप्रसाद ममगांई जी ने पांचवें दिन की कथा मे व्यक्त की उन्होने कहा कि ,दौलत तो दुआओ की होती हैं,न पानी से गलती हैं न आग से जलती हैं.इसे लोग अपनी समझ लेते है जबकि प्रेम अपने मन का बस में है उसे पराया समझ लेते है सोच तो है किसी क़ो कौन बदल सकता है, ईश्वर से मेरी एक ही प्रार्थना है,महंगी घड़ी सबको दे देना,लेकिन मुश्किल घड़ी किसी को न देना ए कोई मंत्र नहीं इंसान की इंसानियत है जिसके पास है वो समस्त है*: आज विशेष रूप से विकास खंड जखोली के प्रमुख प्रदीप थपलियाल श्रीमती दर्शनी देवी श्री दिग्विजय राणा अंजली विमला राणा श्री अजय राणा भीमराज़ राणा कान्ता राणा राकेश राणा दरम्यान राणा सुमेर सिंह राणा ग्राम प्रधान डाक्टर संजय राणा पूर्व प्रधान नर्मदा देवी ममगई सोहन सिंह राणा महावीर राणा दिनेश सिंह रावत दर्शन सिंह राणा उदय सिंह राणा गौरव राणा पृथ्वी सिंह राणा रमेश सिंह राणा केदार सिंह राणा ममराज़ सिंह राणा आचार्य भानू ममगांई देवी प्रसाद ममगाई राम प्रसाद ममगाई आचार्य सन्दीप बहुगुणा सौकार सिंह राणा कृपाल सिंह राणा दर्शन सिंह राणा अंजलि देवी विमला राणा अनुराधा देवी सुधा राणा कान्ता देवि दीपा राणा लक्ष्मी राणा दर्शनी राणा राजेश्वरी देवी दिपेन्द्र तनुज वंश अर्नव राणा आदि