18 जुलाई से 16 अगस्त 2023 तक अधिक मास
संवत 2080 में प्रथम श्रावण शुक्ल प्रतिपदा तदनुसार 18 जुलाई मंगलवार से श्रावण अधिक मास प्रारंभ होकर 16 अगस्त बुधवार तक व्याप्त रहेगा प्रथम सावन शुक्ल पक्ष और द्वितीय श्रावण कृष्ण पक्ष दोनों पक्षों के अंतराल (मध्यावधि) में संक्रांति का अभाव होने से श्रावण मास अधिक मास पुरूषोत्तम मास जाना जाएगा शास्त्रों में श्रावण मास अधिक मास का फल किस प्रकार से वर्णित है दुर्भिक्षं श्रावण युग्मे पृथ्वी नाश प्रजाक्षय:।।
जिस वर्ष में दो श्रावण हों अर्थात अधिक मास हो तो उस वर्ष पृथ्वी पर कहीं दूर्भिक्ष उपयोगी वर्षा की कमी एवं अग्निकांड युद्ध यानादी दुर्घटनाओं एवं प्राकृतिक प्रकोपों से धन एवं जन हानि की आशंका होती है अधिक मास काल में गोचर बस मंगल शनि मध्य समसप्तक योग भी होनें से पृथ्वी की उत्तर गोलार्ध दक्षिण दिशा में पड़नें वाले देशों जैसे रूस चीन ताइवान यूक्रेन पाकिस्तान राजनीतिक परिस्थितियां विशेष रूप से प्रभावित रहेंगी अंतरिक्ष विवेक उधर अग्निकांड बाढ़ युद्ध भूकंप आदि से भी जनधन संपदा की हानि की संभावनाएं होंगी युद्ध भूकंप जन धन सम्पदाओं की हांनी होती है
मलमास की निंदा शास्त्रों में जिस से निंदा है उसी तरह अधिक मास की तपस्या करी भगवान विष्णु ने खुश होकर पुरूषोत्तम मास नाम दिया गया मलमास में जो लोग जय तत्त्व और मंत्र जाप करते हैं भगवान कृष्ण के सानिध्य को प्राप्त होता है दो सक्रांति के बीच में दो अमावास्यों का आना वह छय मास कहलाता है।इस वर्ष 4 जुलाई मंगलवार 20 प्रविष्ट असाड़ से 31 अगस्त 2023 तक तदनुसार 15 गते भाद्रपद तक 59 दिन का महिना माना जायेगा इसमें 8 सोमवार होंगें जिनको शुद्ध श्रावण के सोमवार व्रत करनें हों तो पहला सोमवार 10 जुलाई और 17 जुलाई 21 अगस्त और 28 अगस्त को शुद्ध श्रावण के सोमवार हैं ।और मलमास के श्रावण 24 जुलाई 31 जुलाई 7 अगस्त 14 अगस्त यह मलमास कें सोमवार कुल मिलाकर शंका न करते हुए श्रावण 2 भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करनें वाले हैं सब पर भगवान पुरूषोत्तम व शंकर की कृपा आप सबपर बनी रहे ।।आचार्य शिवप्रसाद ममगांई ज्योतिष्पीठ बद्रिकाश्रम व्यासपीठ अनलंकृत