देवभूमि उत्तराखंड के शिक्षा जगत के लिए अच्छी खबर है। राज्य के दो वरिष्ठ शिक्षकों को इस साल के राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। पांच सितंबर को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु दिल्ली में दोनों शिक्षकों को सम्मानित करेंगी। बता दें कि इस साल देश में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2022 के लिए 46 शिक्षकों का चयन हुआ है। जिनमें नैनीताल के प्रधानाचार्य कौस्तुभचंद्र जोशी और हरिद्वार के प्रवक्ता प्रदीप नेगी को भी चुना गया है। जिसको लेकर शिक्षकों में खुशी की लहर है।
कोविड की वजह से दो साल तक खाली थी उत्तराखंड की झोली
प्रधानाचार्य कौस्तुभचंद्र जोशी को ओपन केटेगरी में चुना गया है। जबकि प्रवक्ता प्रदीप नेगी स्पेशल कैटेगरी( दिव्यांग) के तहत पुरस्कार के लिए पात्र पाए गए। दोनों शिक्षक राष्ट्रीय आईसीटी पुरस्कार से भी सम्मानित हैं। कोरोना महामारी की वजह से दो साल तक उत्तराखंड की झोली पुरस्कार से खाली रही थी।
आईटी और नवाचार ने दिलाया सम्मान
कौस्तुभचंद्र जोशी नैनीताल में प्रतापपुर-चकालुआ स्थित एसडीएस राजकीय इंटर कालेज के प्रधानाचार्य हैं। इससे पहले वो आईसीटी पुरस्कार भी जीत चुके हैं। उन्होंने बताया कि शिक्षा को सरल और प्रभावी बनाने के लिए आधुनिक तकनीकी काफी मददगार साबित हो सकती है। अपने सेवाकाल में शिक्षा से जुड़ा इंटरनेट कंटेट की मदद से उन्होंने छात्रों के शिक्षण को सरल करने का प्रयास किया। रेन वाटर हार्वेस्टिंग के प्रयोग कर छात्रों केा जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया। शिक्षक प्रदीप नेगी हरिद्वार में कार्यरत हैं। वो बीएचईएल इंटर कालेज में प्रवक्ता पद पर कार्यरत हैं। शिक्षण में नवाचार के लिए जाना जाता है।
दोनों विजेता शिक्षकों को मिल रही बधाइयां
महानिदेशक-शिक्षा बंशीधर तिवारी ने पुरस्कार के लिए चयनित दोनों शिक्षकों को बधाई दी। कहा कि पुरस्कार और सम्मान बेहतर काम करने वाले का तो प्रोत्साहन करते ही हैं। साथ ही बाकी लोगों को भी बेहतर से बेहतर करने को प्रेरित करते हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर, निदेशक-एआरटी सीमा जौनसारी ने भी विजेता शिक्षकों क शुभकामनाएं दी। सोशल मीडिया पर उन्हें बधाइयों का मैसेज लगातार जारी है। पूर्व राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार विजेता आरपी बडोनी ने लिखा कि दोनों शिक्षकों ने हमें गौरवान्वित किया है।