रामरतन सिंह पंवार, जखोली
विकासखण्ड जखोली की ग्राम पंचायत लुठियाग सड़क सुविधा से वंचित है। ग्रामीण 18 वर्षों से से सड़क की मांग को लेकर विभागों और शासन-प्रशासन के सामने गिड़गिड़ा चुके हैं। ग्रामीणों ने अब क्रमिक, आमरण व चक्का जाम के साथ लोकसभा चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी है।
18 वर्षों से रोड़ के लिए लुठियाग गांव के लोगों को बनाया जा रहा बेवकूफ
ग्रामीणों ने कहा है कि यदि 31 जनवरी तक उनकी मांग पर सकारात्मक कार्यवाही न हुई तो सरकार और विभाग के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। विकास खण्ड जखर्खाली की ग्राम पंचायत लुठियाग के ग्रामीण 18 वर्षों से सड़क की मांग कर रहे हैं। इस पर कार्यवाही न होने से ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्रामीणों ने विधायक भरत सिंह चौधरी, डीएम डा. सौरभ गहरवार एवं लोनिवि के ईई इन्द्रजीत बोस को ज्ञापन भेजते हुए कहा है कि सड़क के अभाव में लोगों। परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। तीन- चार साल के बच्चे प्राइमरी कक्षा के लिए पांच किमी दूर पैदल चलकर जाते हैं। बीमार लोगों को स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाने में दिक्कतें हो रही हैं। इसके साथ क्षेत्र में गुलदार का आतंक भी बना रहता है। प्रधान दिनेश सिंह कैंतुरा, सुदीपा देवी, शशि देवी, सीता देवी कैंतुरा व सैन सिंह
मेहरा ने कहा कि 2005 से कई बार मोटर मार्ग का सर्वे हो गया है लेकिन आज तक लोनिवि, राजस्व एवं वन विभाग ने संयुक्त सर्वे नहीं किया। शासन से मार्ग निर्माण को लेकर प्रथम चरण का धन लोनिवि को आवंटित हो चुका है। लोनिवि के अभियंता संयुक्त सर्वे की बात कहकर हर बार पल्ला झाड़ देते हैं। ग्रामीणों ने कहा कि ग्राम पंचायत में 450 परिवार निवास करते हैं। इनकी आबादी 1600 के करीब है। सड़क सुविधा न होने से स्वास्थ्य केन्द्र के लिए कई किमी पैदल चलना पड़ता है। बीमार व बुजुर्ग एवं महिलाओं को ले जाने में समस्या होती है। सबसे ज्यादा परेशान महिला को ले जाने में होती है। पालकी के सहारे मरीजों को स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाया जाता है।
प्राइमरी कक्षा के लगाते हैं बच्चे लिए पांच किमी दौड़ समस्या प्रसव पीड़ा से
सामाजिक कार्यकर्ता सैन सिंह मेहरा ने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार हर गांव को सड़क से जोड़ने की बात कर रही हैं। वहीं लुठियाग गांव सड़क से वंचित है। सड़क के अभाव में पर्यटन एवं कृषि का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। सड़क मार्ग का निर्माण होने से सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि एक माह के भीतर मोटरमार्ग निर्माण की कार्यवाही शुरू न हुई तो ग्रामीण उग्र आंदोलन के साथ ही लोकसभा चुनाव बहिष्कार के लिए मजबूर हो जाएगी।