देहारदून। उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी के कड़े आदेश के साथ शुरू हुई। स्पीकर ने सभी विधायकों को सदन में रहने के दौरान फोन इस्तेमाल न करने के निर्देश दिए। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूडी ने कहा कि सत्र के पहले दिन कई विधायक फोन का इस्तेमाल करते रहे। उन्होंने सख्त हिदायत दी कि फोन का इस्तेमाल करते हुए कोई भी विधायक और अधिकारी पाए गए तो कर्रवाई होगी।
सीएम के विभागों के प्रश्नों का जवाब कब दिया जाएगा?
उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई। सदन में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक सुमित ह्रदयेश ने सीएम की व्यवस्था पर सवाल किया। उन्होंने पूछा कि सीएम के पास सबसे अधिक विभाग हैं लेकिन उनके विभागों का जवाब देने के लिए वक्त कब तय होगा? उन्होंने कहा कि सोमवार का दिन मुख्यमंत्री के विभागों के प्रश्नों के उत्तर देने के लिए निर्धारित किया गया है लेकिन सदन मंगलवार से शुरू हुआ। इस पर कांग्रेस विधायक प्रीतम ने भी सवाल किया और पूछा कि सीएम के विभागों के प्रश्नों का जवाब देने का दिन अब आएगा?
नंदा देवी कन्याधन योजना से वंचित बालिकाएं
नैनीताल में कन्याओं को नंदा देवी कन्याधन योजना ” हमारी कन्या हमारा अभिमान योजना” के तहत लाभ नहीं मिलने पर सदन में विधायक सुमित हिरदेश ने प्रश्न उठाया जिस पर महिला सशक्तिकरण व बाल विकास मंत्री ने कहा नैनीताल में 7,547 लाभार्थियों को योजना का लाभ मिल रहा है। इसके अलावा नंदा गौरा योजना से 2016-17 में 8 जनपदों की 6,083 बालिकाएं, चमोली में 192, देहरादून में 256, हरिद्वार में 112, पौड़ी गढ़वाल में 107, पिथौरागढ़ में 1852, रुद्रप्रयाग में 362, टिहरी गढ़वाल में 937, उधमसिंह नगर में 2265 बालिकाएं नंदा देवी कन्याधन योजना के लाभ से वंचित हैं। मंत्री ने बताया कि 2016-17 के भुगतान के लिए 9 करोड़ 12 लाख 45 हजार की राशि की जरूरत है।
सदन में उठा महिला सशक्तिकरण से जुड़ा मुद्दा
भाजपा विधायक महेश जीना ने सदन में सवाल उठाया कि महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हो रही हैं। इसके अलावा 2022-23 में राज्य की कितनी महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया और कितनी सहायता राशि प्रदान की गया। सवाल के जवाब में महिला सशक्तिकरण मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि उत्तराखंड महिला समेकित विकास योजना और मुख्यमंत्री महिला सतत आजीविका योजनाओं संचालन हो रहा है। वहीं उत्तराखण्ड महिला समेकित विकास योजना वित्तीय वर्ष 2019-20 से अब तक 4,235 महिलाओं को योजना ले जोड़ा गया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री महिला सतत आजीविका योजना के तहत 2,725 महिलाओं को लाभ मिला है। वहीं 316.14 लाख धनराशि की सहायता महिलाओं को प्रदान की गई।