आज 25 अप्रैल 2023 को हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय में जन-नायक, हिमालय पुत्र स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा जी की 104वी जयंती धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम के तहत विश्वविद्यालय के प्रशासनिक प्रांगण में हेमवती नंदन बहुगुणा जी की प्रतिमा पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो अन्नपूर्णा नौटियाल अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो महावीर सिंह नेगीमुख्य नियंता प्रो बी पी नैथानी,वित्त अधिकारी प्रो नौटियाल,प्रो वाई पी रैवानी,प्रो प्रशांत कंडारी, राष्ट्रीय सेवा योजना के डॉ एल कंडारी डॉ राकेश नेगी, डॉ किरण डॉ रजनी,कर्मचारी यूनियन के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र भंडारी, नरेश खंडूड़ी, पुष्कर चौहान सहित शिछ्कों कर्मचारियों व छात्रों ने पुष्पाजंलि अर्पित की , जिसके उपरान्त विश्वविद्यालय के बिड़ला परिसर स्थित ए.सी.एल. भवन में कुलपति ने उनके जीवन यात्रा को रेखांकित करती हुई एक चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। तत्पश्चात कुलपति प्रो नौटियाल तथा कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डॉ उमा मैठाणी (रिटा. प्रोफेसर) एवं हेमवती नंदन बहुगुणा जी के समकालीन उनके गांव के शिक्षक श्री अनुसूया प्रसाद उनियाल एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सुशीला देवी अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो महावीर सिंह नेगी ने स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा जी को पुष्पाजंलि अर्पित कर श्रद्धाजंलि दी । कार्यक्रम की अध्यक्षा एवं कुलपित प्रो अन्नपूर्णा नौटियाल ने इस अवसर पर कहा कि हिमालय पुत्र स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा जी ने समाज और राष्ट्र के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित किया। पर्वतीय क्षेत्र के छोटे से गांव से लेकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और स्वतन्त्रता के बाद राजनीति में उन्होंने अभूतपूर्व सफलताएं हासिल की। कुलपति ने विश्वविद्यालय में हिमालय पुत्र की प्रतिमाओं की स्थापना एवं उनके जीवनवृत्तों पर आधारित संग्राहलय बनाने की योजनाआंे का उल्लेख किया। वहीं मुख्य वक्ता डॉ उमा मैठाणी ने उनके व्यक्तित्व और उनके सरल, सौम्य, उदार, इमानदार चरित्र से जुड़ी विशिष्ट घटनाओं के आधार पर उनके सम्मपूर्ण जीवन की व्याख्या की। उन्होंने कहा कि जब वे, देश की राजनीति में उच्च पदों पर पहुंच चुके थे तब भी वे गांव और पहाड़ के प्रति चितिंत रहते थे और उन्होंने उतराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में शैक्षणिक संस्थान खोलने में अह्म योगदान दिया। वहीं हेमवती नंदन बहुगुणा जी के समकालीन, रिटायर शिक्षक श्री अनुसूया प्रसाद उनियाल ने गांव और स्कूल के किस्से कहानियों के माध्यम से बहुगुणा के जीवन के अनुसूने पहलूओं को श्रोताओं के सम्मुख रखा। उन्होंने कहा कि बहुगुणा जी गांव के प्रत्येक व्यक्ति से जुड़े रहते थे, वे दयालु प्रवृति के थे और राजनीति में जनता के प्रति सदैव समर्पित रहते थे।
इस कार्यक्रम के संयोजक अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो महावीर सिंह नेगी ने विश्वविद्यालय के लिए आज के विशेष दिन का विशेष महत्व और हेमवती नंदन बहुगुणा जी के सामाजिक-राजनीतिक योगदान को बताते हुए सभागार में उपस्थित सभी आगंतुको का स्वागत-अभिनन्दन किया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ नरेश राणा ने किया तथा अंत में डॉ आशुतोष गुप्त ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सभी अतिथियों, शिक्षकों, कर्मचारियों का धन्यवाद दिया।
कार्यक्रम में प्रो मंजुला राणा, प्रो हिमाशु बोड़ाई, प्रो वाई.पी. रैवानी, प्रो वी.सी. शर्मा, प्रो आर.सी. सुन्दरियाल, प्रो अनिल कुमार नौटियाल, प्रो मथुरा प्रसाद थपलियाल, प्रो आर.एस. पाण्डे, प्रो मोनिका गुप्ता, प्रो बी.पी. नैथानी, प्रो दीपक कुमार,प्रो प्रशांत कंडारी डॉ नागेंद्र, डॉ कपिल पँवार, समेत विभिन्न विभागाध्यक्ष, शिक्षक, अरुण शेखर,नितेश बोनठियाल, घनश्याम ठाकुर ,कर्मचारी,नेहा मर्तलिया,आलोक सागर,हेम जोशी, प्रदीप मल्ल,दसरथ लिंगवाल, दिनेश रावत,एन.एस.एस, एन.सी.सी. व शारीरिक शिछा, ड्राइंग सहित विभिन्न विभागों के छात्र-छात्राएं मौैजूद रहे।