वरिष्ठ पत्रकार संजय चौहान की फेसबुक वॉल से
आज से ठीक 10 साल पहले 2012 में जनपद चमोली की मातृशक्ति द्वारा नशे व शराब के खिलाफ चलाये गये अनूठे कंडाली आंदोलन की गूँज सीमांत की बंड पट्टी से पूरे देश तक सुनाई दी थी। लोगों नें इस आंदोलन की जमकर सराहना भी की थी। उस समय यह आंदोलन अपने उद्देश्य में सफल साबित हुआ था। उस दौरान कंडाली आंदोलन नें पहाड़ की महिलाओं को आत्मविश्वास और हौंसला दिया था। चमोली के बंड पट्टी के किरूली गांव की शिवा देवी फरस्वाण कंडाली आंदोलन की पहचान बन गयी थी। शिवा देवी फरस्वाण के कुशल नेतृत्व में पहाड़ की मात्रृशक्ति का अनूठा कंडाली आंदोलन लोगों के लिए मिशाल बना था। आज कंडाली आंदोलन की शिवा देवी फरस्वाण को हंस फाउंडेशन द्वारा सम्मानित किया गया।
मंगलवार को हंस फाउंडेशन द्वारा जनपद चमोली की विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली, कोरोना सकंट काल में बेहतर कार्य करने, हेल्थ वर्कर के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों और सामाजिक क्षेत्रों में कार्य करने वाली दो सौ महिलाओं को जिला पंचायत सभागार में सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पुलिस अधीक्षक चमोली श्वेता चौबे और बीआरओ की मेजर आईना राणा ने जनपद चमोली के नौ विकासखंडो की उक्त महिलाओं को सम्मानित किया। जिनमें देवाल की मोहनी देवी, घाट की बैशाखी देवी, जोशीमठ की बाला देवी, उषा रावत, अनूजा पोखरियाल,कमला देवी, शिवा देवी सहित अन्य महिलाओं को सम्मानित किया गया। इसके अलावा दत्तात्रेय सती मां अनसूया मंदिर को कंबल भी वितरित किए गए।
कंडाली आंदोलन की पहचान शिवा देवी फरस्वाण सहित अन्य महिलाओं को उल्लेखनीय कार्य के लिए हंस फाउंडेशन द्वारा सम्मानित किये जाने पर हमारी ओर से बहुत बहुत बधाइयाँ।