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शर्मनाक: जब धरती के भगवान बने ढीट :प्रसव के दौरान महिला से की मारपीट: मारपीट की वजह से नवजात की हुई मौत- देखें वीडियो

अल्मोड़ा-बच्चे को जन्मदिन कोई हंसी मजाक का खेल नहीं होता है और कहा जाता है कि जब किसी भी महिला नवजात शिशु को जन्म देती है तो उस पर उस समय हजार हड्डियों के टूटने के बार असहनीय दर्द होता है। 9 माह तक मां अपनी कोख में बच्चे को रखती है,और बच्चे की सही सलामती के लिए मां को कई प्रकार का त्याग करना पड़ता है और कई प्रकार की दिक्कतों का सामाना करना पडता है, लेकिन डबल इंजन सरकार में स्वास्थ्य विभाग एक मां के दर्द को कितना सजग है और उसकी कितनी मदद करता है , यह इस घटना से मालूम पड़ता है, अल्मोड़ा में एक ऐसी शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है जिसने डबल इंजन के स्वास्थ्य विभाग की पोल खोलकर रखदी।जबकी सीएम धामी और स्वास्थ्य मंत्री हर रोज उत्तराखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतरीन बनाने में जुटे हैं लेकिन विभाग में कुछ लोग पलीता लगाने में जुटे हैं: पढिए पूरी खबर

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जहां एक प्रसूता व उसके परिजनों ने डॉक्टरों पर प्रसव के दौरान मारपीट व अभद्रता करने का आरोप लगाया है। वही, हायर सेंटर रेफर करने के दौरान नवजात ने आधे रास्ते में दम तोड़ दिया।
दरअसल, बीते रविवार को बागेश्वर जिले के ग्राम गैरीगाड़ काफलीगेर निवासी ख्याली राम व उनकी पत्नी कमला लोहनी प्रसव पीड़ा होने पर अपनी बहू पूजा लोहनी को पीएचसी ताकुला लाएं। जहां देर रात पूजा ने बच्चे को जन्म दिया। जिसके बाद डॉक्टरों ने जच्चा बच्चा दोनों को हायर सेंटर रेफर कर दिया। परिजन आधी रात में एंबुलेंस के माध्यम से दोनों को अल्मोड़ा महिला अस्पताल लाए। जहां चिकित्सकों ने नवजात को मृत घोषित कर दिया। पीड़िता व उसके परिजनों ने डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। पीड़िता का आरोप है कि प्रसव से पहले डॉक्टरों ने उसके साथ मारपीट की। वही, पीड़िता के ससुर ख्याली राम ने नवजात की मौत के लिए डॉक्टरों को जिम्मेदार ठहराया है। घटना की जानकारी के बाद जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की टीम ने सोमवार को महिला अस्तपाल पहुंच पीड़िता व उसके परिजनों से मामले की जानकारी ली। इस घटना के बाद पीड़िता व उसके परिजन डरे सहमे हुए है। फिलहाल पीड़ित पक्ष की ओर से पुलिस में तहरीर नहीं सौंपी गई है। इधर मामले में महिला अस्पताल की प्रभारी सीएमएस डॉ. प्रीति पंत कुछ कहने बचती नजर आई। लेकिन अब देखना होगा किचन पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत मामले को कितनी गंभीरता से लेते हैं, या फिर किसी को डॉक्टरों के ढीट पन का सामना करना पड़ेगा।

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