उत्तराखण्ड हस्तक्षेप संस्था की ओर से आयोजित मुंबई निवासी केशर सिंह बिष्ट द्वारा कुछ प्रवासी और देहरादून के साथियों के साथ मिलकर 40 साइकल राइडर की टीम के साथ देहरादून शहीद स्मारक से रामपुर तिराहा शहीद स्मारक तक दोषियों को सजा दिलाने न्याय की मांग को लेकर शहीद सम्मान यात्रा के लिए प्रस्थान किया। इस साइकल यात्रा को वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी व महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुशीला बलूनी व राज्य आंदोलनकारी मंच ने झंडी दिखाकर सफल यात्रा की शुभ कामना दी।
आज सुबह 09–30 बजे अंकिता को न्याय दिलाने हेतु सभी संगठन के लोग गांधी पार्क पर एकत्र हुए वहा नारे बाजी कर वहा से नारे लगाते हुए घंटाघर से पलटन बाजार की कुछ एक दुकानों को बंद करते हुए तहसील क्षेत्र में दुकानदारों से बंद करने की अपील की। जबकि कुछ युवा संगठन के लोग रिंग रोड धर्मपुर व बंगाली कोठी की ओर बंद कराकर आए।
पूर्व घोषित समयानुसार सुबह 11–30 बजे अनोलनकारी मंच द्वारा मुजफरनगर गोली काण्ड के शहीदों को श्रृद्धांजली अर्पित की गई तत्पश्चात सभी वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारियों ने शहीद परजनो के सम्मुख 28 वर्षो से लंबित न्याय की इंतजारी से लेकर राज्य की दशा पर चिंता की साथ ही अंकिता हत्याकांड के हत्यारों को फांसी देने की मांग की।
दोपहर 12–30 बजे शहीद स्मारक से अंकिता के हत्यारों व मुजफ्फरनगर काण्ड , मसूरी खटीमा के दोषियों को फांसी की मांग को लेकर नैनीताल से आए वरिष्ठ अधिवक्ता संग का पैनल ने भी न्याय दो जवाब दो यात्रा को गांधी पार्क की ओर प्रस्थान किया।
आज सभा का संचालन प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी ने किया जिसमे मुख्य रूप से शहीद परिवार से करनपुर गोली काण्ड शहीद राजेश रावत की मां आंनदी रावत , मुजफ्फरनगर काण्ड के शहीद राजेश नेगी के भाई मनोज नेगी , श्रीयंत्र टापू कांड के शहीद राजेश रावत के पिता भूपाल सिंह रावत व मुजफरनगर काण्ड के शहीद सतेन्द्र चौहान के बड़े भाई आशुतोष चौहान के साथ ही वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी विवेकांनन्द खंडूड़ी , रविन्द्र जुगरान , नैनीताल के वरिष्ठ अधिवक्ता रमन शाह व अधिवक्ता बी एस नेगी , पिछड़े आयोग के पूर्व अध्यक्ष अशोक वर्मा , डा एस पी सती , समर भण्डारी, सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी , पूरण सिंह लिंगवाल , रामलाल खंडूड़ी , प्रदीप कुकरेती , जयदीप सकलानी , भानू रावत , मोहन सिंह रावत , बाबी पंवार , मनोज ध्यानी , सत्येंद्र नोगाई , अजय डबराल , सुमित थापा , पुष्कर बहुगुणा , विरेन्द्र गुसाई , सुरेश कुमार , आरिफ खान , महेन्द्र रावत , अजय राणा , जबर सिंह पावेल , कविता नेगी , लुशून टोडरिया , मोहित डिमरी , हिरदेश शाही , प्रताप सिंह , सतीश धोलाखण्डी , सुरेश नेगी , विक्रम गुसाई , गणेश डंगवाल , नरेन्द्र नोटियाल , हरी सिंह मेहर , भुवनेश्वरी कठेत , पुष्पलता सिलमाना , विजय लक्ष्मी गुसाई , सत्या पोखरियाल , सुलोचना भट्ट , राधा तिवारी , अरुणा थपलियाल , अधिवक्ता अल्पना जदली , प्रमिला रावत , आरती राणा , सरोजनी रावत , देवश्वरी रावत , शोभा बहुगुणा , राजेश पांथरी , राकेश नोटियाल , गौरव खंडूड़ी , विनोद असवाल , प्रभात डंडरियाल , सुदेश सिंह व भारी संख्या में लोग शामिल हुए।
सांय 06–बजे प्रतिवर्ष की भांति दीपदान कर शहीदों के निमित मोमबत्ती जलाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।