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सीता स्वयंवर में देखते ही देखते भगवान राम के हाथों टुटा शिव धनुष

थत्युड मे चल रही रामलीला के चौथे दिन धनुष खण्डन मे रही दर्शको की भीड

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रिपोर्ट- सुनील सजवाण थत्युड /टिहरी

विकासखण्ड मुख्यालय थत्युड के रामलीला मैदान मे चल रही रामलीला मंचन के चौथे दिन धनुष खण्डन लीला मे दर्शको की भीड देखने को मिली |
रामलीला मंचन मे भगराम राम व लक्ष्मण गुरू विश्वामित्र के साथ मिथिलापुरी पंहुचते हैं जंहा महाराज जनक ने अपनी सुपुत्री सीता के स्वयंवर का आयोजन किया है वंही पुष्प वाटिका मे भगवान राम व लक्ष्मण की भेंट मां गौरी की पूजा करने सखियों के साथ पंहुची सीता के साथ होती है वंही लक्ष्मण मा सीता का परिचय अपने बडे भ्राता राम से पुछते है राम सीता का परिचय लक्ष्मण को देते है |


दुसरे दृश्य मे सीता के स्वयंवर मे राजा महाराजा पंहुचते है जिनमे लंका पति राजा रावण भी वंहा आता है किन्तु आकाशवाणी के बाद रावण वापस तो आ जाता है किन्तु सीता को लंका मे लाने की प्रतिज्ञा भी करता है | धनुष खण्डन लीला मे कोई भी राजा महाराजा जब शिव धनुष मे तिल्ला तो छोड़ो उसे हिला भी नही पाता तो एसे मे महाराज जनक को दुःख होता है और वो कहते हैं कि क्या छत्रीय वंश का खात्मा हो गया है क्या सीता हमेशा कुंवारी रहेगी जिस बात से लक्ष्मण नाराज होते है व गुरू विश्वामित्र की आज्ञा से भगवान राम जैसे ही प्रतिजां चडाने को शिव धनुष उठाते है धनुष पुराना रहता है और धनुष टुट जाता है |

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रामलीला मैदान मे बैठे दर्शक इस घडी को देख जय श्री राम के नारे भी लगाते है |
स्वयंवर मे माता सीता मर्यादापुरूषोतम रामचन्द्र जी के गले मे जय माला डालकर अपना वर चुनती है उधर शिव धनुष के टुटने की आवाज सुनकर परषुराम हिमालय से जनकपुरी पंहुचते है और अपने गुरू शिव का टुटा धनुष देखकर महाराज जनक पर नाराजगी व्यक्त करते है जिससे लक्ष्मण भी परषुराम जी से नाराज होते है दोनो के बीच बहुत ही अच्छा नाराजगी व गुस्से से भरा संवाद चलता है किन्तु जैसे ही परषुराम जी को पता चलता है कि राम कोई सादारण नही तीनो लोको के स्वामी साक्षात नारायण है तो भगवान से क्षमा मांग उनकी पूजा अर्चना करते है और वापस हिमालय मे चले जाते है |
इधर जनक जी अपने मन्त्री को अयोध्या भेजते हैं बारात को अयोध्या से मिथिलापुरी बुलाते है|
रामलीला मंचन मे राम का अभिनय गौरव चमोली, लक्ष्मण का अभिनय रोहित जोशी, सीता का अभिनय शिवांश सजवाण, गुरूविश्वामित्र का अभिनय कौस्तुक असवाल, जनक का अभिनय प्रवीन पंवार, मन्त्री का अभिनय सन्दीप राणा, परषुराम का अभिनय कमल नौटियाल, रावण का अभिनय सन्दीप शाह आदी ने किया |
चतुर्थ दिवस की रामलीला मे मुख्यअतिथी राकेश मोहन नयाल खण्ड विकास अधिकारी जौनपुर , राजीव रंजन, दीपक सकलानी, सुनील तडियाल , धनेश पालिवाल, नरेश कोठियाल, देवेन्द्र कोठियाल मौजुद थे |
वंही रामलीला समिती के अध्यक्ष गजेन्द्र असवाल, मुनिम प्रधान, निर्देशक रामप्रकाश भट्ट, हरि लाल, शांती प्रसाद चमोली, कमल किशोर, कमल पुजारी, हरिश नौटियाल आदी लोग उपस्थित थे मंच का संचालन सुनील सजवाण ने किया |

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