organic ad

शोध कार्यों के लिये गठित होगी रिसर्च फाउंडेशनः डॉ. धन सिंह रावत

• विभिन्न क्षेत्रों के शोधार्थियों को मिलेगी स्कॉलरशिप

electronics

• नैक एक्रिडिएशन के लिये राज्य स्तरीय सेल गठन पर सहमति

• विश्वविद्यालयों को परीक्षा परिणाम शीघ्र घोषित करने के निर्देश

• उच्च शिक्षा परिषद की बैठक में लिये गये कई अहम निर्णय

सूबे में उच्च शिक्षा के अंतर्गत शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार प्रतिवर्ष विभिन्न विषयों के शोधार्थियों को स्कॉलरशिप देगी। इसके लिये राज्य स्तरीय रिसर्च फाउंडेशन का गठन किया जायेगा। उच्च शिक्षा को रोजगारपरक एवं गुणवत्तायुक्त बनाने के लिये प्रत्येक निजी एवं राजकीय विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों को नैक एक्रिडिएशन करवाना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को एंटी ड्रग्स सेल का भी गठन करना होगा।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय स्थित वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली सभागार में आयोजित राज्य उच्च शिक्षा परिषद की दसवीं बैठक में कई अहम निर्णय लिये गये। जिसके अंतर्गत राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में शोध कार्यां को बढ़ावा देने के लिये विभिन्न क्षेत्रों में शोध कर रहे शोथार्थियों को राज्य सरकार स्कॉलरशिप देगी। जिसके लिये राज्य स्तर पर रिसर्च फाउंडेशन का गठन किया जायेगा। उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने तथा रोजगारपरक बनाने के लिये प्रदेश के सभी निजी एवं राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को नैक एक्रिडिएशन कराना आवश्यक होगा, जो शिक्षण संस्थान नैक एक्रिडिएशन के लिये आवेदन नहीं करेंगे ऐसे संस्थानों की मान्यता रद्द की जा सकेगी। सूबे के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को नशा मुक्त अभियान के तहत एंटी ड्रग्स सेल का भी गठन करना होगा। डॉ. रावत ने बताया कि राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत अब छात्र-छात्राएं अध्ययन के लिये एक विश्वविद्यालय से दूसरे विश्वविद्यालय में जा सकेंगे, इसके लिये उन्हें उच्च शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य होगा। बैठक में विभागीय मंत्री ने सभी राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को शीघ्र परीक्षा परिणाम घोषित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा जो विश्वविद्यालय एकेडमिक कैलेंडर के अनुरूप समय पर परीक्षा परिणाम नहीं घोषित करेंगे उनके विरूद्ध कार्यवाही अमल में लाई जायेगी। उन्होंने कहा कि सभी राजकीय विश्वविद्यालय देशभर के नामी 10-10 विश्वविद्यालयों के साथ एजुकेशन एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत अनुबंध करेंगे, ताकि छात्र-छात्राओं को टीचिंग शेयरिंग का लाभ मिल सके। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश के सभी महाविद्यालयों के शिक्षकों को कुमाऊं विश्वविद्यालय परिसर में संचालित एचआरडीसी सेंटर में दो सप्ताह का विशेष प्रशिक्षण दिया जायेगा, इसके अलावा महाविद्यालयों के 119 प्राचार्यों एवं विभाग के उप निदेशक स्तर के अधिकारियों को आईआईएम काशीपुर में एक सप्ताह का प्रबंधकीय प्रशिक्षण दिया जायेगा। परिषद की बैठक में रूसा फेज-1 एवं फेज-2 के अंतर्गत संचालित परियोजनाओं, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को इसी सत्र में लागू करने, स्नातक स्तर पर प्राचार्यों के 25 फीसदी पदों को लोक सेवा आयोग से भरे जाने, प्रत्येक जनपद में वर्चुअल प्रयोगशाला स्थापित करने, महाविद्यालयों में व्यावसायिक एवं रोजगारपरक पाठ्यक्रम संचालित करने, स्नातक महाविद्यालयों को छात्र संख्या के आधार पर उच्चीकृत करने, विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल अभ्यर्थियों का डाटाबेस बनाने सहित दो दर्जन से अधिक विषयों पर चर्चा के उपरांत निर्णय लिये गये।

ये भी पढ़ें:  समाज में बदलाव के लिए गंगधारा की तरह विचारों की अविरलता भी आवश्यक

बैठक में पद्मश्री डॉ. अनिल जोशी, सचिव उच्च शिक्षा शैलेश बगोली, सचिव संस्कृत शिक्षा चन्द्रेश यादव, राज्य सरकार द्वारा नामित सदस्य राकेश ओबरॉय, अनिल गोयल, सभी राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलपति, निदेशक उच्च शिक्षा प्रो. संदीप शर्मा, रूसा सलाहकार प्रो0 एमएसएम रावत, प्रो. के.डी. पुरोहित, अपर सचिव प्रशांत आर्य, एमएसम सेमवाल, संयुक्त निदेशक डॉ. एएस उनियाल सहित परिषद के दो दर्जन सदस्य एवं शासन स्तर के अधिकारी उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *