पहाड़ के हरे भरे डांडों में लाल बुरांश खिल गया, पहाड़ की महिलाओं को स्वरोजगार मिल गया: देखें पूरी खबर



पौड़ी: कामयाब हुआ पौड़ी की महिलाओं का प्रयास, सप्लाई किया 24 कुंतल बुंराश,जगी स्वरोजगार की नई आस

उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में बुरांस का फूल कई मायनों में पहाड़ की महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है। एक तरफ कई महिला स्वयं सहायता समूह बुरांस का जूस बेचकर आर्थिकी मजबूत कर रही हैं, वहीं अब पौड़ी की महिलाएं फू प्रोसेसिंग कंपनियों को सीधे बुरांस के फूलों की आपूर्ति करके अच्छा मुनाफा कमा रही हैं। पौड़ी जिले की ग्रामीण महिलाओं को भी ऐसी कंपनी से 5 टन बुरांस के फूल की डिमांड मिली है। जिसमें से 24 कुंतल बुरांस के फूल सप्लाई किए जा चुके हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देने के लिए कई योजनाएं चलाई हैं। पौड़ी जनपद में मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत की देख रेख में ग्रामोत्थान परियोजना और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत एक अनूठी पहल शुरू की गई है। इस पहल के तहत स्थानीय समूहों द्वारा जंगलों से बुरांस के फूल एकत्र किए जा रहे हैं, जिनका प्रसंस्करण कर बाजार में भेजा जा रहा है।
दुगड्डा में संचालित हर्बल टी यूनिट, पौड़ी में बेडू एवं फल प्रसंस्करण इकाई और जनपद की अन्य प्रसंस्करण इकाइयों के माध्यम से बुरांस का शरबत, जूस, चाय और औषधीय काढ़े के रूप में तैयार किया जा रहा है। फूलों को सुखाकर निजी क्रेताओं के साथ मार्केटिंग टाइअप के जरिए बेचा भी जा रहा है।
हाल ही में कोटद्वार स्थित बैन्जोज इंटरप्राइजेज के साथ एक बड़ा करार किया गया है। कंपनी ने समूहों से 3500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 5 टन कच्चे बुरांस की मांग की है। इस मांग को पूरा करने के लिए समूहों द्वारा बुरांस एकत्र कर कंपनी को भेजा जा रहा है। अब तक समूह 23.81 क्विंटल फूल एकत्रित कर चुके हैं। इसमें से 12.36 क्विंटल बैन्जोज इंटरप्राइजेज और 1.25 क्विंटल बेडू यूनिट को सप्लाई किया गया है। जबकि हर्बल टी यूनिट दुगड्डा को 187 किलोग्राम सूखा और 10 क्विंटल कच्चा फूल बेचा गया है। फूलों के बिक्री से एक लाख तीन हजार 735 रुपये की आमदनी हुई है।
मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवन्त का कहना है कि आर्थिक सशक्तिकरण की इस पहल से जहां जंगलों में बेकार टूटने वाले बुरांस का सदुपयोग हो रहा है, वहीं स्थानीय महिलाओं को अतिरिक्त आय का जरिया भी मिल रहा है। साथ ही, उपभोक्ताओं को बुरांस के औषधीय गुणों से युक्त उत्पाद आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं।




