तीन दिन पहले तृषा सारंग यू ट्यूब चैनल पर इस गीत का विमोचन पद्मश्री जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण ने किया। उत्तराखंड के पारंपरिक लोकगीत नाचुली कुंवरी के विमोचन अवसर पर जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण जी ने कहा कि आज भी ऐसे लोकगीतों के श्रोता असंख्य है और ऐसे गीतो के जानकार हमारे सांस्कृतिक पूंजी है। विमोचन अवसर पर उत्तराखंड की स्वर कोकिला मीना राणा ने कहा कि लोकगीतों की मौलिकता यही है। इस गीत के निर्माता मुकेश सारंग ने कहा कि ऐसे लोकगीत प्राकृत काव्य है जिनको कभी विस्मृत नही किया जा सकता है। इस गीत की विशेषता को देखते हुये तीन दिनों में 12 हजार से अधिक लोग देख चुके है।
इस गीत को स्वरबद्ध मधुर कंठ के धनी शांति श्रीवाण और लोकगायिका मीना राणा ने गाया है। प्रसिद्ध संगीतकार विनोद चौहान ने संगीत से सजाया है। रिदम सुभाष पाण्डे ने दिया है। इस गीत का फिल्मांकन सोनी कोठियाल और निर्देशन अरविंद नेगी ने किया है।