सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने लोकसभा में बहुराज्यीय सहकारी समिति (संशोधन) विधेयक-2022 पास होने पर खुशी जताते हुए कहा कि, सहकारी क्षेत्र में
यह नए युग की शुरुआत है। इससे सहकारिता आंदोलन को और बल मिलेगा।
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प्रदेश के कोऑपरेटिव मंत्री डॉ रावत ने विधेयक पर जारी एक वक्तव्य में कहा है कि, केंद्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने लोक सभा में विधेयक को पास कराकर ऐतिहासिक कार्य किया है , इस संशोधन से सहकारी समितियों के प्रबंधन और नियुक्तियों में वर्षों से पल बढ़ रहा परिवारवाद का खत्मा होगा। इसमें पारदर्शिता आएगी।
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डॉ रावत ने कहा कि, केंद्रीय सहकारिता मंत्री श्री शाह मंत्रालय में अगले 25 वर्ष के लिए देश में गांव स्तर पर हिमालयी कार्य कर रहे हैं। कोऑपरेटिव क्षेत्र में फिर से देश के विकास में अहम योगदान देगा। सहकारिता क्षेत्र में सुधार के लिए प्राथमिक कृषि ऋण सोसाइटी (पैक्स) को पुनर्जीवित कर उसे बहुआयामी बनाया जा रहा है। केंद्र में अलग मंत्रालय बनने के बाद से 63 हजार पैक्सों का कंप्यूटरीकरण का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा राज्य की 670 समितियों का कंप्यूटराइजेशन का कार्य पूरा कर लिया है। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार जो नई सहकारी नीति ला रही है, उससे सहकारिता आंदोलन को और बल मिल सकेगा तथा उससे सहकारी संस्थाओं में एक समान कानून लागू होगा।
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डॉ रावत ने कहा कि, अन्न भंडारण के लिए पर्वतीय जनपदों में गोदाम बनाए गए हैं। भंडारण गोदाम की क्षमता बढ़ाई जा रही है। सहकारिता क्षेत्र से लोगों को स्वरोजगार प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा उत्तराखंड राज्य में दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत 22- 23 में 90230 लाभार्थियों को 624. 84 करोड़ का ब्याज रहित ऋण दिया गया है। 2017 से जून 2023 तक इस योजना के तहत 7 लाख से अधिक लाभार्थी किसानों को 4347 करोड़ रुपए का ब्याज रहित ऋण उपलब्ध कराया गया है। जिससे किसानों ने अपनी आमदनी दोगुनी की है। यह ब्याज रहित ऋण कोऑपरेटिव बैंकों की शाखाओं एमपैक्स ने किसानों को उपलब्ध कराया है।