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पीड़ा:यमकेश्वर में 16 परिवार वाले खतरे की जद में, आसमानी आफत की डर से छोड़ा घर: देखें वीडियो

क्षेत्र पंचायत बूंगा के अंतर्गत ग्राम सभा बूंगा का राजस्व ग्राम डौंर आपदा से अत्यधिक प्रभावित है क्षेत्र पंचायत बूंगा पूर्व सैनिक सुदेश भट्ट ने बताया कि डौंर मे 19 अगस्त को आयी भयावह आपदा से ग्रामीण अभी तक उभरे भी नही थे कि कल रात हुयी भयानक बरसात ने ग्रामींणों को अंधेरी रात व भारी बर्षात के बीच घर छोडने को मजबुर कर दिया! सुदेश भट्ट के अनुसार कल रात हुयी भारी बर्षात मे महिपत सिंह रौथांण एवं ध्यान सिंह रौथांण के घर को क्षति पहुंची है व ईनकी गौ शाला भी मलवे मे बहकर जमींदोज हो गयी है साथ ही ईन मकानों से लगते हुये विक्रम सिंह रौथांण, हरेंद्र सिंह, गोपाल सिंह,हरपाल सिंह, मानसिंह, चैन सिंह ,शेखर सिंह रौथांण समेत 16 परिवारों के मकान खतरे की जद मे आ गये हैं व महिपत सिंह एवं ध्यान सिंह रौथांण का मकान धीरे धीरे नीचे की ओर खिसक रहा है जिससे जन धन की क्षति होने की आसंका बनी हुयी है! क्षेत्र पंचायत बूंगा ने अफसोस व्यक्त करते हुये बताया कि शासन प्रशासन को 19 अगस्त को ही ईस त्रासदी से अवगत करा दिया गया था व शासन प्रशासन के उच्चाधिकारियों ने डौंर पहुंचकर वहां पर पिडित परिवारों की समस्या का धरातलीय निरिक्षण कर शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया था लेकिन अभी तक किसी प्रकार की कोई सहायता न मिलने के कारण स्थानीय ग्रामींण आज स्वयं को ठगा हुवा महसूस कर रहे हैं एवं राम भरोसे जीवन यापन करने को मजबुर है! सुदेश भट्ट ने बताया कि कल हुयी आपदा से जहां एक ओर 16 परिवार खतरे की जद मे आ गये वहीं गांव का मूल जल स्रोत भी जमींदोज हो चुका है जिससे ग्रामींणो के आगे पेय जल की विकट समस्या उत्पन्न हो गयी साथ ही उन्होने बताया कि डौंर यमकेश्वर विकाश खंड का एक यैसा गांव है जहां पलायन ना के बराबर है और आज भी यहां के हर घर मे खुले ताले व निवास कर रहे 55 परिवार ईस बात का सुबुत है कि जहां एक ओर उत्तराखंड के गांव के गांव पलायन होकर महा नगरों की और दौड रहे वहीं डौंर के ग्रामीण सेवा निवृत्ति के बाद भी संसाधनो के अभाव के चलते भी गांव मे ही रैहना पसंद कर रहे हैं लेकिन ईस आपदा ने ग्रामींणो को निश्चित ही सोचने के लिये मजबुर कर दिया यदि ये बर्षात एक दो दिन होर रही तो हवा मे लटक रहे नीचे से खोखले हो चुके घर किसी भी क्षण जमींदोज हो सकते हैं क्षेत्र पंचायत बूंगा समेत समस्त ग्रामींणो ने डौंर की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित कर सहयोग की अपील करी! ईसके अलावा बूंगा के भूमि हीन परिवार अमीर चंद के घर के आगे तीस मीटर गहरी खाई उत्पन्न हो गयी और अमीर चंद का परिवार अपने दो महीने के पोते के साथ जंगली जानवरों से भरे पडे जंगल के बीच शक्तिखाल स्कूल मे रात काटने को मजबुर है साथ ही वीर काटल भी आपदा के दंश से बुरी तरह प्रभावित है जिसकी जानकारी सरकार तक पहुंचाई जा चुकी है लेकिन अभी तक क्षेत्र पंचायत बूंगा की पुरी ग्राम सभा बूंगा की भयावह स्थिति से अभी तक किसी ने सुध नही लिया यहां तक की वीर काटल गांव संपर्क मार्गों से पुरी तरह कटा हुवा है और ग्रामीणों के आगे रसद सामग्री का भारी संकट गहराने लगा है स्कूली छात्र स्कूल जाने से बंचित हैं बुजुर्ग मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने के सारे मार्ग ठप्प पडे हैं क्षेत्र पंचायत बूंगा ने ईन गांवों की गंभीर स्थिति से प्रशासन को अवगत कराते हुये मांग की है कि यमकेश्वर आपदा मे ईन गांवों को आपदा ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया जाय और राहत एवं बचाव कार्य हेतु आपदा से हुये नुकसान से उभारने एवं गांव के जीर्णोद्धार हेतु विशेष पैकेज की मांग करी

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