द्वैष रखने वाला व्यक्ति ही कंस एवं बहार सुंदर दिखे व बोले वही पूतना है यदि यह उपरोक्त दोष आनें लगे दूरी करनें के लिए भगवत भक्ति है ,यह कथा अपनें में एक अलग सी समाज जोड़ने का काम कर रही तभी कहते हैं धर्म जोड़ता है जहां सभी दूर क्षेत्र से सभी भक्त पहूंच रहे है,यह कथा पालाकुराली लस्या रूद्रप्रयाग में किशोर राणा राणा की माता प्यारी देवी के वार्षिक तिथी पर आयोजित की गई जहां प्रसिद्ध कथावाचक ज्योतिष्पीठ व्यास आचार्य शिव प्रसाद ममगांई जी नें कुछ नयां स्वरूप अपनें प्रवचनों के माध्यम से दिया आचार्य ममगांई कहते हैं ,
कर्म मनुष्य की सबसे बड़ी सम्पत्ति है! कर्मो से ही पशुता और मनुष्यता का भेद पता चलता है! पशुओं मे विचार करने एवं निर्णय लेने की क्षमता नहीं होती है!
*परमात्मा का मनुष्य को बहुत बड़ा वरदान मिला है, कि वह कर्म, लगन, इच्छा शक्ति, पुरुषार्थ आदि के द्वारा जो पाना चाहे प्राप्त कर सकता है!
*श्रेष्ठ कर्मो से मनुष्य पुरुष से पुरूषोत्तम बन सकता है! वेद इसका प्रमाण है,
*जिन कर्मो को करने से भय, लज्जा, शंका चिंता आदि उत्पन्न हो वह बुरे कर्म कहलाते हैं! जिन कर्मो से सुख, शान्ति, संतोष, परहित, आदि प्राप्त हो, वह कर्म श्रेष्ठ है जैसे चारों ओर उत्तराखंड की हरितिमा से मन प्रफुल्लित होता है वैसे ही यहां देवत्व को जानें की आवश्यकता है बच्चों को संस्कारों से सम्पन्न होनें पर ही देश समाज हित के साथ माता पिता सेवा की ओर सेवा के लिए संस्कारित कर सकते हैं । वही किशोर सिंह राणा जी कहा कल कथा 10 बजे से 1 बजः तक होगी 1 बजे भण्डारे में सभी सम्मलित होकर हमें कृतार्थ करेगें जहां आज
भाजपा जिलाध्यक्ष महाबीर पंवार मण्डल अध्यक्ष जखोली धूम सिंह राणा जी मारूति के मैनेजर मनोहर ममगांई जगदम्बा के अध्यक्ष बुद्धि राम ममगांई विशेष कृपाल सिंह राणा किशोर राणा सेमर सिंह सते सिंह महावीर सिंह किशन सिंह कुंदन सिंह राणा प्रधान सुभाष राणा कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रघुबीर सिंह राणा पंचम कैंतुरा अंजना कैंतुरा अंकित अंकुश मातवर सिंह रावत प्रताप सिंह राणा शंकर सिंह सुंदर सिंह कुंवर सिंह राणा उमराव सिंह सज्जन सिंह भगत सिंह पंवार शकुंतला पँवार मधु पँवार इशा पँवार आचार्य भानु प्रसाद ममगाईं आचार्य संदीप बहुगुणा आचार्य विजेंदर आचार्य अंकित केमनी आचार्य सुनील शुक्ला आचार्य जितेंद्र आदि भक्तगण उपस्थित रहे ।।