अब केदारनाथ, हेमकुंड साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं की राह आसान होगी। इन हाई अल्टिट्यूड वाले मंदिरों में हेलीकॉप्टर सेवा के बाद अब श्रद्धालुओं को रोपवे की सुविधा भी मिलने जा रही है, जिससे श्रद्धालुओं को काफी राहत मिलेगी। साथ ही रोपवे बनने से केदारनाथ और हेमकुंड जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी इजाफा होगा।
दरअसल, उत्तराखंड राज्य वन्यजीव बोर्ड ने केदारनाथ, हेमकुंड साहिब और चंडी देवी रोपवे को हरी झंडी दे दी है। गौर हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे बनाने के पूर्व में ऐलान किया था। इनके बनने की पहले सबसे बड़ी बाधा दूर हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई वन्यजीव बोर्ड बैठक में केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के साथ ही हरिद्वार में चंडी देवी के लिए भी रोपवे के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। अब यह प्रस्ताव नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
बता दें कि केदारनाथ धाम के लिए सोनप्रयाग से रोप वे प्रस्तावित है। इस रोपवे में गौरीकुंड, चीड़बासा, लिंचौली तीन स्टेशन भी पड़ेंगे। इसके जद में केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग की लगभग 26.43 हेक्टेयर वनभूमि आ रही है। इसके साथ ही हेमकुंड रोपवे में फूलों की घाटी का लगभग 27.4 हेक्टेयर भूमि आ रही है। बोर्ड ने रोपवे के लिए यह वन भूमि हस्तांतरित करने की मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही चंडीदेवी मंदिर के लिए प्रस्तावित रोप वे निर्माण में राजाजी पार्क की लगभग 29 हेक्टयर जमीन आ रही है। यह रोपवे दीनदयाल उपाध्याय पार्क (हरकी पैड़ी के समीप) से बनना है।