देहरादून: उत्तराखंड में गजब हो रहा है। देहरादून में चालान के नाम पर ट्रैफिक पुलिस की घोर लापरवाही सामने आई है। ट्रैफिक पुलिस जिस नंबर के वाहन का चालान करती है उसे चौपहिया वाहन यानी कार बताती है और कारण में लिखती है कि इसमें ट्रिपलिंग की जा रही थी। खास बात तो ये कि जिस कार का चालान देहरादून में दर्शाया गया, वो पिछले 7 दिनों से रुद्रप्रयाग के अगस्त्यमुनि में घर में खड़ी है। अब जरा घोर लापरवाही के इस वाकये को सिलसिलेवार ढंग से समझिए।
अगत्यमुनि, रुद्रप्रयाग के रहने वाले अनंत नेगी के मोबाइल पर शनिवार सुबह एक मैसेज आता है कि उनके नाम से रजिस्टर्ड ऑल्टो कार UK07DT5954 का 4500 रुपए का चालान किया गया है। चालान शुक्रवार रात 11.30 बजे के करीब राजपुर रोड देहरादून में वाहन चालक द्वारा कार की रैश ड्राइविंग, लाइसेंस न होना और ट्रिपलिंग के लिए किया गया है।
अनंत ने बताया कि उक्त नंबर की उनकी कार पिछले 7 दिन से अगस्त्यमुनि के घर में खड़ी है। क्योंकि उनके पिता कभी कभी उस कार का प्रयोग करते हैं। अनंत सवाल उठाते हैं कि ये कैसे संभव है कि जो कार 7 दिन से कोसों दूर खड़ी है, उसका चालान 8 अप्रैल को देहरादून में हो जाता है। अनंत ने ये भी कहा कि जिस वाहन चालक का नाम चालान रसीद में चंदन लिखा गया है, उस नाम के किसी शख्स को वे जानते तक नहीं।
यहां ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही का एक और नमूना देखिए, चालान के जो तीन कारण बताए गए हैं, उनमें से एक कारण है , ट्रिपलिंग करना…यानी तीन सवारियां ले जाना। अब आप ही बताए जब पुलिस कार का चालान कर रही है तो तीन ट्रिपलिंग के चालान का क्या तुक बनता है? जाहिर सी बात है कि ट्रैफिक पुलिस ने घोर लापरवाही बरती है। या ये भी हो सकता है कि चालान करते वक्त पुलिस ने बिना देखे ही वाहन का गलत नंबर चालान बुक में चढ़ा दिया। ये भी अंदेशा है कि अनंत नेगी की कार के नंबर प्लेट का कोई गलत इस्तेमाल तो नहीं कर रहा?