राजकुमार हरिद्वार रिपोर्ट
हरिद्वार, । जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने कहा है कि मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम का जीवन प्रत्येक भारतवासी के लिए आदर्श है। हम सभी को उनके जीवन से प्रेरणा लेकर सत्य के मार्ग पर अग्रसर रहना चाहिए और अपने सामर्थ्य अनुसार प्रत्येक व्यक्ति की मदद के लिए आगे आना चाहिए। तभी एक सशक्त समाज का निर्माण और रामराज्य की कल्पना की जा सकती है। कनखल स्थित हरे राम आश्रम में श्री राम कथा का आयोजन संत महापुरुषों के सानिध्य में दीप प्रज्वलन कर किया गया। श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने कहा कि भारत के इतिहास में भगवान श्रीराम पहले ऐसे महापुरुष हुए। जिन्होंने सत्ता का मोह त्याग कर अपने माता-पिता की आज्ञा का अनुसरण करते हुए 14 वर्ष का कठोर बनवास ग्रहण किया और रावण का संहार कर असत्य पर सत्य की विजय प्राप्त की। भारत के इतिहास में उनका पराक्रम, संघर्ष हमेशा ऐतिहासिक रहेगा। हरेराम आश्रम के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी कपिलमुनि महाराज ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जन-जन के आदर्श है और प्रत्येक भारतवासी के हृदय में विराजमान हैं। प्रभु श्रीराम चरित्र मानस परम पवित्र है देवता भी श्रीराम के चरित्र के रहस्य को समझ नहीं पाते। श्री राम कथा का सारांश यही है कि हमें प्रभु श्रीराम की तरह मर्यादित होकर अपने जीवन के उत्तरदायित्व को निभाना होगा। महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम महाराज ने कहा कि आज पाश्चात्य संस्कृति के बढ़ते प्रचलन के कारण जिस प्रकार भारतीय संस्कृति के मूल्यों पर प्रहार हो रहा है। उसके परिणाम स्वरूप हमारी युवा पीढ़ी तेजी से भ्रमित हो रही है। ऐसे में यदि भारतीय संस्कृति, वेदों, पुराणों, ग्रंथों के प्रसंगों का प्रचार-प्रसार नहीं किया गया तो भावी पीढ़ी को उसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। श्रीराम कथा आदर्श पथ पर चलने की प्रेरणा देती है। भगवान श्रीराम का चरित्र जहां एक और पारिवारिक रिश्तो की अहमियत को दर्शाता है वहीं दूसरी ओर जात पात के भेदभाव को मिटाकर मानव मात्र में सौहार्द की भावना को जागृत करता है। इस अवसर पर कथा व्यास विजय कौशल महाराज, स्वामी रूपेंद्र प्रकाश, डा.जितेंद्र सिंह, विमल कुमार, प्रो.प्रेमचंद्र शास्त्री, नीलाम्बर खर्कवाल, रमेश उपाध्याय, रामचंद्र पाण्डेय, हरीश कुमार, डा.अश्वनी चैहान, मयंक गुप्ता, स्वामी केशव मुनि, स्वामी परमेश्वर मुनि, स्वामी उमेश मुनि, श्रीमहंत अद्वैत दास, महंत रामसागर मुनि, महंत दामोदर दास, महंत जयेंद्र मुनि, महंत निरंजन दास, महंत प्रेमदास, महेंद्र दामोदर शरण दास, महंत निर्मल दास, महामंडलेश्वर स्वामी संतोषानंद, महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश, महंत गोविंद दास, महामंडलेश्वर स्वामी प्रकाशमुनि, महंत श्रवण मुनि, महंत सुतीक्षण मुनि, महंत गंगादास, महंत रंगनाथ दास, महंत सर्वेश मुनि, महंत दुर्गेश मुनि, अनीता शर्मा, सहित कई संत महापुरुष उपस्थित रहे।
फोटो नं.7-दीप प्रज्वलित कर कथा का शुभारंभ करते संतजन