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Big breaking- जखोली कृषि मेले में दिखी कई खामी- मेले में नहीं पहुंच पाए सीएम धामी- क्या प्रमुख और विधायक की है नाकामी?- पढ़ें रैबार पहाड़ की पड़ताल

(रैबार पहाड़ की पड़ताल)

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जखोली किसान मेले में ब्लॉक प्रमुख प्रदीप थपलियाल की ऐतिहासिक पहल ,वीर शिरोमणी माधो सिंह भंडारी और उत्तराखण्ड के गांधी इन्द्रमणी बड़ोनी की मूर्ति की स्थापना की
• मेले में मुख्य अतिथियों से लेकर कलाकारों ने मोड़ा मुंह
जखोली -जखोली ब्लॉक में पांच दिवसीय किसान मेले का समापन हो गया है लेकिन इस बार का मेला कुछ आनन-फानन में हुआ ऐसा ही प्रतीत होता है और पहले दिन से मेले में भारी खामियां देखने को मिले हैं सबसे पहले जो निमंत्रण पत्र छपा था उसमें मुख्य अतिथि और मुख्य आकर्षक जिनको बनाया गया था वह कुछ लोगों को छोड़कर कोई मेले में नहीं पहुंच पा रहे थे आपको बता दें 22 नवंबर को किसान मेला का शुभारंभ नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने किया. वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला कांग्रेस कमेठी के अध्यक्ष ईश्वर सिंह बिष्ट ने कि लेकिन मुख्य आकर्षक में निमंत्रण पत्र में मुख्य आकर्षण गायिका प्रियंका मेहर, बलदेव राणा का नाम छपा था लेकिन जब ये लोग नहीं आए तो आनन-फानन में करिशमा शाह और रोहन भारद्वाज को बुलाया गया. वहीं मेले के दूसरे दिन केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कि और मेले में डेढ लाख रुपए देने की घोषणा कि वहीं इस दिन मुख्य आकर्षण प्रसिद्ध लोग गायिका हेमा नेगी करासी, विजय पंत, विक्रम कप्रवाण,कुलदीप कप्रवाण अजय नौटियाल की टीम थी लेकिन इस दिन हेमा नेगी करासी भी मेले में नहीं आई है…जिससे दर्शकों के हाथ मायूसी लगी वहीं मेले के तीसरे दिन कांग्रेस की नगर पालिकाध्यक्ष कांग्रेस नेत्री गीता झिकंवाण थी और कार्यक्रम की अध्यक्षता ब्लॉक अध्यक्ष ग्राम प्रधान संगठन जखोली कपिल राणा और विशिष्ट अतिथि कविंद्र सिंधवाल कनिष्ठ प्रमुख जखोली, संजू जगवाण, अध्यक्ष नगर पंचायत तिलवाड़ा,अरूणा बेंजवाल, अध्यक्ष नगर पंचायत अगस्त्यमुनि, विजय राणा अध्यक्ष नगर पंचायत उखीमठ थे, लेकिन मुख्य अतिथि गीता झिकंवाण ने भी कार्यक्रम से मुंह फेर लिया…जबकी गीता झिकंवाण भी कांग्रेस पार्टी से तालुकात रखते हैं. उसके बाद आनन-फानन में दो लोगों को ढूंढा गया, और मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि बनाया गया,वहीं मेले के चौथे दिन आयोजकों को आस थी आज तो कुछ पक्ष में होगा लेकिन चौथे दिन भी आयोजकों को के हाथ निराशा लगी. और निमंत्रण पत्र में जो अतिथि थे वह दूर दूर तक नजर नहीं आए. जब के इस दिन निमंत्रण पत्र के अनुसार मुख्य अतिथि अगस्त मुनि ब्लॉक प्रमुख विजय देवी, जो कांग्रेस पार्टी की ब्लाक प्रमुख हैं.. और कार्यक्रम के अध्यक्ष उखीमठ ब्लाक प्रमुख श्वेता पांडे को बनाया गया. लेकिन ये दोनो लोग कार्यक्रम में नही आए.. जिसके बाद आनन-फानन में क्षेत्र पंचायत सदस्य भारत भूषण भट्ट को मुख्य अतिथि बनाया गया और निमंत्रण पत्र में मुख्य आकर्षण गढ़ रतन सिंह नेगी ,गणेश कुकसाल, गिरीश सुंदरीयाल, बीना बेंजवाल सचिन, धर्मेन्द्र नेगी ,वीणा राम कंसवाल, अनिल नेगी थे लेकिन कवियो ने भी कार्यक्रम से मुंह फेरा और कार्यक्रम में आनन-फानन में…वहीं संगीता ढौड़ियाल, और दर्शन फरस्वाण को बुलाया गया और जो दर्शक दूर दूर से नेगी जी को सुनने आ रखे थे उन को नेगी जी की जगह संगीता ढौड़ियाल और और दर्शन फरस्वाण को सुनना पड़ा वहीं मेले के पांचवें दिन मुख्य अतिथि प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को निमंत्रण पत्र में लिखा गया था और अध्यक्षता क्षेत्रीय विधायक भरत सिंह चौधरी का नाम अंकित था लेकिन ऐन वक्त पर जखोली किसान मेले में सीएम धामी नहीं पहुंचे जिससे क्षेत्रीय जनता के खामोशी हाथ लगी. वहीं क्षेत्रीय विधायक ब्लाक प्रमुख मेला समिति पर सवाल उठना लाजमी है कि चुनाव के वक्त सीएम जब हर छोटे से छोटे और बड़े से बड़े कार्यक्रम में हर जगह पहुंच रहे हैं तो वह जखोली ब्लॉक क्यों नहीं आए… इसका जवाब क्षेत्रीय विधायक और ब्लॉक प्रमुख प्रदीप थपलियाल ही दे सकते हैं.. लेकिन इस बार मेले में जो जो हुआ वह क्षेत्रीय के हिसाब से सही नहीं हुआ और मेला आपसी राजनीति की भेंट चढ़ गया और यह प्रतीत होता है कि यहां मेला आनन-फानन आधा अधूरी तैयारी में किया गया क्योंकि जो निमंत्रण पत्र में छपा था कुछ और वहां कोई और मुख्य आकर्षण पहुंचे और ना मुख्य अतिथि फिर आनन-फानन में किसी और को मुख्य आकर्षण और मुख्य अतिथि बनाना पड़ा शायद इस जखोली किसान मेले में पहली बार क्षेत्रीय जनता ने यह गजब का नजारा देखा होगा लेकिन आखिर में हमें ही कहेंगे क्षेत्र के जनता को मेला समिति ने पनीर बोलकर बाद में खिचड़ी परोस दी है. लेकिन यह बिल्कुल भी क्षेत्र हित के लिए सही नहीं है.जबकि हम ब्लाक प्रमुख प्रदीप थपलियाल की इस बात की बार-बार तारीफ करते हैं कि उन्होंने ऐतिहासिक काम करते हुए वीर शिरोमणि माधो सिंह भंडारी और उत्तराखंड इंद्रमणि बडोनी की मूर्ति की स्थापना की है। लेकिन अपनी पार्टी जनप्रतिनिधियों और जनता के विश्वास जीतने में नाकामयाब रहे। वहीं जब हमने इस विषय पर मेला आयोजक और ब्लॉक प्रमुख प्रदीप थपलियाल से पुछा की आपने अपने पार्टी के लोगों को क्यों बैनर पोस्टरों से गायब किया तो उनका जबाव था कि हमने केवल जनप्रतिनिधियों को ही मेले में बुलाया था यदि हम कांग्रेस के लोगों को बुलाते तो भाजपा के भी बुलाने पड़ते और मेले में पूरी राजनीति हो जाती…वहीं मेले के छपे निमंत्रण पत्र की खामियों और अतिथियों का न आना कलाकारों का मेले में न पहुंचने पर सवाल किया तो इस पर प्रमुख जी गोल-मोल जबाब दिया की प्रियंका मेहर के कार्यक्रम हमें मंहगा पड़ रहा था इसलिए हमने करिशमा शाह और रोहन भारतद्वाज को बुलाया लेकिन सवाल उठना लाजमि है की जब कार्यक्रम की रुप रेखा तय की गई और निमंत्रण तक छप गए उसके बाद क्या कलाकारो से संपर्क किया गया की आपको कार्यक्रम आना है,यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है…वहीं मेला संपापन पर जब हमने प्रमुख से पुछा की सीएम नहीं आए..तो उनहोंने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि हमने तो निमंत्रण दिया था इसका जबाव भाजपा वाले और विधायक जी ही दे सकते हैं।जब हमने क्षेत्रीय विधायक भरत सिंह चौधरी से इस बार में पूछा कि मुख्यमंत्री जी जखोली कार्यक्रम में क्यों नही आए तो विधायक सहाब भी गोल –मोल जबाब दिया कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी के साथ मीटिंग थी इसलिए नहीं आए ये बात हमें कुछ पची नहीं हमने विधायक सहाब से दोबारा जानने की कोशिश की कि सीएम तो छोटे से लेकर और बड़े कार्यक्रम में शिरकत कर रहे हैं और जब चुनाव प्रभारी आ रखे थे। तो सीएम सहाब टिहरी और कुमांउ मंडल के दौरे पर कैसे गए…इस पर विधायक ने कहा वह तो सीएम सहाब ही जाने।लेकिन मेले में एक और जो बड़ी खामी देखी गई प्रियंका मेहर की टीम के साथ मुख्य आकर्षण सुप्रसिद्ध अभिनेता बलदेव राणा का नाम भी था लेकिन यह बात भी कुछ पची नहीं कि ना बलदेव राणा गायक हैं तो वह गायकों की टीम में क्या करेंगे… जब हमने इस पर बलदेव राणा से पुछा तो वह इस पर हंसने लगे….जखोली मेला पांच दिनों का आंखों देखा हाल।
हम तो यही कहेंगे एकता में जो शक्ति है वह अकेले में नहीं है लेकिन भविष्य में कोई भी ब्लॉक प्रमुख जखोली ब्लॉक में बनता है तो वह इस तरह की पुनरावृत्ति ना करें जिससे क्षेत्रीय मेला की फिजा खराब हो।

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