Kedar Singh Missing Case: परिजनों की गुहार, पुलिस बताए कहां है हमारा केदार

देहरादून। लापता हुए केदार भंडारी मामले की जांच अधर में लटका हुआ है। खुद गढ़वाल डीआईजी को मामले की जांच में जुटे हुए हैं। लेकिन बावजूद इसके अभी तक इस मामले में कुछ निकलकर सामने नहीं आया है, जिससे परिजनों में आक्रोश है। नाराज परिजनों ने आज देहरादून के गांधी पार्क में धरना शुरू कर दिया है और उनके बेटे को खोजने की गुहार लगाई है।
उधर, केदार भंडारी के परिजनों को समर्थन देने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा सहित कांग्रेसी कार्यकर्ता भी गांधी पार्क पहुंचे और धरना दिया। कांग्रेस जनों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे धरना देते हुए सरकार से लापता केदार भंडारी को तलाशने की मांग उठाई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने राज्य में बिगड़ रही कानून व्यवस्था को लेकर डीजीपी को पद से हटाने की मांग की है।

electronics


क्या है पूरा मामला
उत्तरकाशी जिले के धौंतरी पट्टी के चौड़ियाट गांव के रहने वाले लक्ष्मण सिंह का 19 वर्षीय बेटा केदार सिंह भंडारी बीती 18 अगस्त को अग्निवीर भर्ती के लिए कोटद्वार गया था। 20 अगस्त तक केदार भंडारी अपने घरवालों से लगातार बातें करता रहा, लेकिन 21 अगस्त से 22 अगस्त तक केदार और उसके परिवार के बीच कोई संपर्क नहीं हो पाया। दो दिन बीत जाने पर परिजनों को उसकी चिंता सताने लगी कि आखिर उनका बेटा कहां है?
इसी बीच परिजनों को खबर मिली कि केदार भंडारी टिहरी जिले के मुनि की रेती थाना पुलिस की हिरासत में है। केदार को लेकर पुलिस का कहना था कि उसके पास से एक बैग मिला था, जिसमें तलाशी लेने पर कुछ सिक्के और रुपए मिले थे, जो केदार सिंह भंडारी ने परमार्थ निकेतन के दानपात्र को तोड़कर चोरी किए थे। मामला ऋषिकेश के उस विश्व विख्यात आश्रम से जुड़ा था, जहां देश और दुनिया के कई बड़े दिग्गज पहुंचते हैं। ऐसे में आश्रम के रसूख को देखते हुए बिना शिकायत के ही पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी।
उधर, मुनि की रेती थाना पुलिस की तरफ से कहा गया कि यह मामला लक्ष्मण झूला थाना क्षेत्र का है। ऐसे में केदार को लक्ष्मण झूला थाना को सौंप दिया है, लेकिन लक्ष्मण झूला पुलिस का कहना है कि चोरी की इस घटना पर परमार्थ निकेतन आश्रम की तरफ से कोई भी तहरीर नहीं दी गई थी, जिसके कारण केदार भंडारी को थाने पर न रखकर बैरक में रखा गया। जहां से ड्यूटी दे रहे कर्मचारी को धक्का देकर केदार भाग निकला। इस घटना के बाद पुलिस का कथन ये भी सामने आया कि पुलिसकर्मी जब केदार को पकड़ने के लिए पीछा कर रहे थे, तभी भागते भागते केदार पुल से नदी में कूद गया था। यह सारी घटना स्थानीय लोगों ने भी देखी। वहीं, सीसीटीवी कैमरे में भी पूरी वारदात कैद हुई। तभी से लगातार केदार के परिजन पुलिस पर उत्पीड़न करने और लापरवाही बरतने के आरोप लगा रहे हैं।
मामले में कोटद्वार के एएसपी शेखर सुयाल अपनी जांच पूरी कर चुके हैं, जिसमें पीआरडी के जवान और थाना लक्ष्मण झूला के हेड मुहर्रिर की लापरवाही सामने आई है। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार शायद एएसपी जांच से इत्तेफाक नहीं रख रहे हैं, इसलिए उन्होंने मामले की जांच अब डीआइजी गढ़वाल को सौंप दी है। जांच प्रभावित ना हो इसके लिए लक्ष्मण झूला थाना प्रभारी संतोष सिंह को भी थाने के प्रभार से मुक्त करते हुए उन्हें पौड़ी पुलिस कार्यालय भेज दिया गया है।

ये भी पढ़ें:  उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेल में हो रहा था खेल फिक्सिंग मामला, इतने में बेचा जा रहा था गोल्ड मेडल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *