जखोली: चिरबटिया में लगी प्रशासन की तीसरी आंख दो साल से खराब: देखें वीडियो

रामरतन पंवार/जखोली।

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जनपद रूद्रप्रयाग व टिहरी की सीमा के मध्य स्थान चिरबटिया मे
जिला प्रशासन द्वारा 2 वर्ष पूर्व
कोरोना काल के दौरान लगाया गया था सीसीटीवी केमरा।

खराब हालात मे पड़ा है जिला प्रशासन द्वारा आने जाने वाले वाहनो पर निगरानी रखने वाला केमरा।

जखोली-विकासखंड जखोली के अन्तर्गत मुख्य बाजार चिरबटिया मे रूद्रप्रयाग जिला प्रशासन द्वारा लगाया गया सीसीटीवी केमरा शो पीस बना हुआ है।आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यह केमरा आज से 2 बर्ष पूर्व जानलेवा बिमारी कोरोना काल के
दौरान जिला प्रशासन द्वारा इस मकसद से लगाया गया था कि सैकड़़ो प्रवासी नौकरियों से लौट कर अपने अपने अपने घरो को लौट रहे थे जिस कारण से चिरबटिया जनपद रुद्रप्रयाग व टिहरी की सीमा के बीच बसा हुआ है और दोनो जनपदों की सीमा होने के कारण बहार से आने जाने वाहनो पर इस केमरे से पैनी नजर रखी जा सके, क्योंकि इस सीसीटीवी केमरे का सीधा सम्पर्क जिलाधिकारी कार्यालय से ज़ड़ा गया था ताकि प्रशासनिक अधिकारी इस केमरे के माध्यम से चिरबटिया सीमा पर लगे पुलिस बेरियर पर निगरानी रख सके।
लेकिन इन दो सालो से हजारों रूपये की लागत से चिरबटिया मे लगाया गया मे कमरे एक पैदल जाने वाले रास्ते पर लावारिस हालत मे एक लोहे के डंडे के सहारे लटका हुआ है।केमरे का इस प्रकार से लावारिस हालत मे लटकाया जाना जिला प्रशासन की घोर लापरवाही का नतीजा उजागर होता है।एक अहम सवाल ये भी है कि चिरबटिया दो जनपदो की सीमाओं होने के नाते पहले तो इस स्थान पर पुलिस चौकी होनी चहिये थी नही तो बैरियर का होना अतिआवश्यक था,अगर ये सब कुछ नही भी था तो अगर ये केमरा चालू हालत मे होता तो सीमा पर आने जाने वालो पर निगरानी तो रखी जा सकती थी,क्योंकि मामला बार्डर का है न जाने इस रास्ते से चिरबटिया मे कोई चेकिंग सुविधा न होने से कितने ही लोग वाहनो के द्वारा तस्करी का कार्य करते होंगे, इसका अंदाजा नही लगाया जा सकता है।जो कि ये सब प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है।
लुठियाग के पूर्व प्रधान रूप सिह मेहरा सामाजिक कार्यकर्ता, सुनील कैन्तूरा उपप्रधान त्रिलोक सिह कैन्तूरा, आदि लोगो ने बताया कि तीन साल से यह केमरा जिला प्रशासन द्वारा चिरबटिया मे आने जाने वाले. वाहनो पर निगरानी हेतु लगाया गया था लेकिन कोरोना बिमारी के समय चेकिंग के लिए अस्थायी रूप से लगाये गये बेरियर को हटाने के बाद से यह केमरा लवारिस हालत मे पड़ा है जिसकी सुध प्रशासन ने आज तक नही ली।इसका यह मतलब होता है कि जिला प्रशासन सरकारी सम्पत्ति का अर्थ नही समझता है।

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