भागवत भाग्य बदलने वाला ग्रंथ जहां भागवत महापुराण का वाचन पारायण होता वही सारे सुख आजाते हैं आयोजको द्वरा कृष्ण जन्म में सुन्दर झांकी टोकरी में बालकृष्ण के स्वरूप दर्शन पानें के लिए वासुदेव के पैर छूने के लिए लपक रहे थे भक्त जन वहीं मखन मिश्री का प्रसाद बतादें विजय चन्द्र बिन्जोला जी की तिथी पर श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया जिसमें लोग दूर से आकर कथाका आनंद लेरहे हैं वहीं ज्योतिष्पीठ बद्रिकाश्रम व्यासपीठालंकृत आचार्य शिवप्रसाद ममगांई पूर्व राज्य मंत्री जी नें कहा आनंद देनें से चेतना का विस्तार होता है और जब चेतना का विस्तार होता है तो आपका परमात्मा से आनंद लेने का आयतन बढ़ जाता है जितनी बड़ी आत्मा आपके पास होगी उतनी ही परमात्मा की वर्षा आपके ऊपर हो सकती है छोटी आत्मा है छोटा सा पात्र है तो उतनी ही वर्षा होगी आत्मा बड़ी होगी आनन्द भी बड़ा होगा जिस दिन किसी के पास ब्रह्मांड जैसी आत्मा होगी तो ब्रह्मांड का सारा आनंद उस पर बरस पड़ेगा जो प्रेमी अपने प्रियतम भगवान के चरणकमलों का अनन्य भाव से दूसरी भावनाओं व्रतियों व प्रवत्तियों को छोड़कर भजन करता है उससे पहली बात तो यह है कि पाप कर्म होते ही नही परन्तु यदि कभी किसी से यह हो भी जाये तो परमपुरुष भगवान श्री हरि उनके ह्रदय में बैठकर वह सारा पाप नष्ट कर देते हैं और उसके ह्रदय को शुद्ध कर देते हैं ।।
इ वस पर जेष्ठ प्रमुख अर्जुन सिंह गहरवार जी पूर्व प्रधानाचार्य जगदीश पंत जी सरोजनी पंत आचार्य दामोदर सेमवाल जी आचार्य संदीप बहुगुणा आचार्य अंकित केमनी तारा दत्त सती महेश भट्ट आचार्य हिन्दवान
श्रीमती आरती देवी विमल विन्जोला गौरव सौरभ नागेंद्र विन्जोला लाजवंती विन्जोला राधा विन्जोला अशोक विन्जोला प्रीति विन्जोला दीपक विन्जोला प्रीति भुवनेश बडोला किशोरीलाल बडोला कांति डंडरियाल रमेश डंडरियाल शांति पांथरी नरेंद्र पांथरी मीना कक्तवान चन्द्रशेखर कक्तवान अनिता सुंदरियाल विनोद सुंदरियाल मंजू अंथवाल सुभाष अंथवाल जशपाल सिंह भण्डारी राजीव खनसली आदि भक्त गण भारी संख्या में उपस्थित थे
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