उत्तराखंड में हर बार पलायन रोकने को लेकर नारा दिया जाता है। और कहा जाता है कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम आए। लेकिन राज्य बनने के 21 वर्षों बाद भी यह नारा केवल नारा बनकर ही रह गया है। सरकारों की तमाम कोशिशों के बाद भी पहाड़ से पलायन थम नहीं रहा है। पलायन की मुख्य वजह शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधा और रोजगार है। इन तीन मूलभूत सुविधाओं के अभाव के कारण आज लगभग सभी पहाड़ खाली होते जा रहे हैं। वहीं सरकारों ने पलायन रोकने और पहाड़ों पर ही रोजगार सृजित करने के लिए उद्योग स्थापित करने के लिए कई कोशिशें भी की हैं। इसके अलावा कई प्रवासी उत्तराखंडी भी उत्तरखंड में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए यहां उद्योग स्थापित करने लिए प्रयासरत हैं।
ऐसे ही एक हैं उत्तराखंड टिहरी जिले के नैलचामी तोनखंड के रहने वाले लेकिन मुरारी लाल थपलियाल। जो अब कनाडा में रहकर अपना व्यापार कर रहे हैं लेकिन उत्तराखंड से प्रेम और यहां से रोजगार के अभाव में हो रहे पलायन को लेकर उद्योग स्थापित करने को लेकर पहली बार आईसीसीसी का प्रतिनिधिमंडल 7 और 8 अप्रैल को उत्तराखंड का दौरा करने जा रहा है। इस दौरान ICCC का प्रतिनिधिमंडल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात करेगा।
बता दें कि ICCC प्रतिनिधिमंडल भारत मिशन 2022 पर हैं। इस मिशन का उद्देश्य वैश्विक मामले और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार भारत और कनाडा के बीच व्यापार को बढ़ावा देना है। ICCC- अध्यक्ष रिपुदमन सिंह ढिल्लों, उपाध्यक्ष और निदेशक मुरारी लाल थपलियाल ,आईसीसीसी भी उपाध्यक्ष वैश्विक मामले और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मुरारीलाल थपलियाल के नेत्रत्व मुख्य
ने इस मिशन के दौरान सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांड के साथ बैठक की।