शिक्षा का महत्व एवं राष्ट्रीय प्रतिबद्धता विषय को लेकर सेमिनार आयोजित
सेमिनार संयोजक प्रोफेसर महावीर सिंह नेगी एवं मुख्य वक्ता प्रोफेसर हर्ष डोभाल सहित कई लोगों ने रखे अपने विचार**
श्रीनगर- राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के अवसर पर हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग द्वारा एक सेमिनार आयोजित किया गया जो ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों माध्यमों से आयोजित किया गया. अब्दुल कलाम आजाद की जयंती के अवसर पर प्रतिवर्ष 11 नवंबर 2008 से राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है. इसी के तत्वावधान में गढ़वाल विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग द्वारा एक सेमिनार आयोजित किया गया, सेमिनार का विषय था,शिक्षा का महत्व एवं राष्ट्रीय प्रतिबद्धता . कार्यक्रम के संयोजक विभागाध्यक्ष भूगोल प्रोफेसर महावीर सिंह नेगी तथा मुख्य वक्ता दून विश्वविद्यालय के विजिटिंग प्रोफेसर प्रोफेसर हर्ष डोभाल थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व विभागाध्यक्ष भूगोल एवं डीन स्कूल ऑफ अर्थ साइंस प्रोफेसर राम सिंह पवार ने की . कार्यक्रम भूगोल विभाग के चौरास परिसर स्थित सेमिनार हॉलमें ऑफलाइन तथा जूम एप के माध्यम से ऑनलाइन भी आयोजित किया गया,इसमें बड़ी संख्या में विभिन्न महाविद्यालयों के फैकल्टी मेंबर शोध छात्रों एवं स्नातकोत्तर स्तर के छात्रों ने भाग लिया. इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर हर्ष डोभाल ने अपने संबोधन में शिक्षा के महत्व पर विस्तार से अपने विचार रखें उन्होंने कहा हमारे देश की शिक्षा नीति संकट से गुजर रही है वर्तमान समय में देश का हर विद्यार्थी बेरोजगारी के कारण अपनी जीवन के लिए बहुत ही चिंतित है एक और उच्च वर्ग अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए विदेश भेजता है क्योंकि वह जानता है कि विकसित देशों के अपेक्षा भारत में शिक्षा का स्तर अभी उस स्तर तक नहीं पहुंचा है उन्होंने कहा है कि सही मार्गदर्शन के अभाव में समाज में उच्च और निम्न वर्ग की खाई लगातार चौड़ी होती जा रही है उन्होंने कहा कि इस खाई को दूर किए बिना कोई भी राष्ट्र उन्नति नहीं कर सकता. कार्यक्रम के संयोजक एवं विभागाध्यक्ष भूगोल हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय प्रोफेसर महावीर सिंह नेगी ने कहा मौलाना अब्दुल कलाम आजाद जो भारत के प्रथम केंद्रीय शिक्षा मंत्री के साथ ही प्रमुख स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व एक महत्वपूर्ण शिक्षाविद थे. भारत में शिक्षा जगत की उन्नति के लिए उन्होंने महत्वपूर्ण कार्य किए उनके जन्मदिन को राष्ट्र शिक्षा दिवस के रूप में मनाता आ रहा है शिक्षा के महत्व पर अपने विचार रखते हुए उन्होंने कहा शिक्षा ही व्यक्ति को संपूर्ण व्यक्ति बनाती है. जिस देश में शिक्षा का स्तर जितना उच्च होगा निश्चित रूप से वही देश तरक्की करेगा. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हैं पूर्व डीन स्कूल ऑफ अर्थ साइंस प्रोफेसर राम सिंह पवार ने कहा मौलाना अब्दुल कलाम आजाद चाहते थे कि शिक्षा के द्वारा भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश बने और सभी समुदायों के लोग एकजुट होकर देश के विकास में अपना योगदान दें. उनके जीवन से हमें प्रेरणा लेने की आवश्यकता है. इस अवसर पर अपने संबोधन में पौड़ी परिसर में भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अनीता रूडोला ने मौलाना अब्दुल कलाम आजाद का भारत किस शिक्षा में क्या योगदान रहा है इस पर विस्तार से अपनी बातें रखी उन्होंने कहा किसी भी देश का सर्वांगीण विकास की कल्पना महिला साक्षरता के बिना नहीं की जा सकती विभाग के फैकल्टी मेंबर डॉक्टर योगम्बर सिंह नेगी ने मौलाना अब्दुल कलाम आजाद का की स्वाधीनता के आंदोलन में कितना महत्वपूर्ण योगदान रहा है इसको कोई भी भुला नहीं सकता वहां हिंदू मुस्लिम एकता के प्रतीक थे कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ राजेश भट्ट ने कहा किसी देश का विकास वहां के शिक्षा के स्तर पर निर्भर करता है मौलाना अब्दुल कलाम आजाद ने देश में आईआईटी सहित विभिन्न उच्च संस्थानों की नीव रखी इसके साथ ही उन्होंने मुख्य वक्ता के साथ सभी का आभार एवं धन्यवाद अदा किया. इस अवसर पर छात्रों ने भी अपने विचार रखे तथा पोस्टर प्रदर्शनी की. जिसमें मुख्य रुप से छात्र बलवीर सिंह,उमा भारती, प्रीति रौथाण, भावना राजपूत एवं सृस्टि बहुगुणा प्रमुख थे.इस कार्यक्रम में प्रोफेसर बीपी नैथानी, प्रोफेसर वाईपी रेवानी डीन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग, डॉक्टर एसपी सती भरसार विश्वविद्यालय, प्रोफेसर एल पी लखेड़ा, डॉक्टर इंदिरा सिंह डॉ आर बी गोदियाल डॉक्टर ममता शर्मा राजकीय महाविद्यालय अगस्तमुनि डॉक्टर यू एस चौहान पीजी कॉलेज पोखरी, डॉ किरण त्रिपाठी पीजी कॉलेज ऋषिकेश डॉ अतुल कुमार डॉक्टर अनिल दत्त, पौड़ी परिसर डॉ हर्षि खंडूरी पीजी कॉलेज गोपेश्वर डॉक्टर शेरी चौधरी डीम्ड यूनिवर्सिटी चुरु राजस्थान, श्वेता सिंह मनीष चेतराम सुनील के साथ ही बड़ी संख्या में शोध छात्रों तथा स्नातकोत्तर स्तर के छात्रों ने ऑनलाइन तथा ऑफलाइन प्रतिभाग़ किया.