देहरादून। उत्तराखंड के बच्चे भी लागू है एनसीईआरटी का पैटर्न अब मुगलों का इतिहास नहीं पढ़ेंगे। यहां सरकारी स्कूलों में एनसीईआरटी का पैटर्न लागू है, जिसके तहत इसी साल से एनसीईआरटी का बदलाव लागू हो जाएगा।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने आगामी शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए इतिहास की किताबों से मुगलों का इतिहास हटाने का निर्णय लिया है। एनसीईआरटी ने 11 वीं की किताब से इस्लाम का उदय, संस्कृतियों में टकराव, औद्योगिक क्रांति, समय की शुरुआत के चैप्टर सिलेबस से हटाए हैं। 12वीं इतिहास की किताब से ‘अकबरनामा’ (अकबर के शासनकाल का आधिकारिक इतिहास) और ‘बादशाहनामा’ (मुगल शाहजहां का इतिहास) के चैप्टर को
सीएम ने कहा, कर रहे हैं आकलन
एनसीईआरटी से मुगल इतिहास हटाने और उस बदलाव को यूपी सरकार के लागू करने के सवाल पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यहाँ इस बदलाव का आकलन किया जा रहा है। जो भी बेस्टप्रैक्टिस होगी, वह लागू की जाएगी।
हटाया गया है। इसके अलावा, नागरिक शास्त्र की किताब स्वतंत्र भारत में राजनीति से जन आंदोलनों का उदय और एक दल (सीपीएम) के प्रभुत्व के दौर के चैप्टर में भी बदलाव किया गया है। चूंकि राज्य में पहले से ही सभी राज्य बोर्ड के स्कूलों में भी एनसीईआरटी पैटर्न सम्राट लागू है। लिहाजा, यह बदलाव इसी सत्र से यहां भी लागू हो जाएंगे।