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हाईकोर्ट का सरकार को एसिड अटैक पीड़िता को 35 लाख मुआवजा देने के आदेश , इलाज भी कराएं

ऊधमसिंहनगर की तेजाब पीड़िता गुलनाज खान को उत्तराखंड सरकार 35 लाख का मुआवजा देगी। शुक्रवार को पीड़िता गुलनाज खान की याचिका पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने उत्तराखंड सरकार को 35 लाख मुआवजा देने का आदेश दिया। साथ ही यह भी कहा कि पीड़िता का दिल्ली, चंडीगढ़ समेत जहां भी उपचार हो, वहां का खर्च भी राज्य सरकार ही वहन करेगी।

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जसपुर निवासी फरहान ने तेजाब से किया था हमला
पीड़िता गुलनाज ने अपनी याचिका में बताया कि 29 नवंबर 2014 को उस पर ऊधमिसंहगर के जसपुर निवासी फरहान ने तेजाब से हमला कर दिया। इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 14 मार्च 2016 को उसे दोषी करार देते हुए 10 साल की कैद और 20 हजार रुपये का जुर्माने की सजा सुनाई।


एसिड अटैक के समय 12वीं की छात्रा थी गुलनाज
याचिका में कहा गया कि घटना के समय गुलनाज 12वीं की छात्रा थी और नाबालिग थी। इससे उसका दाहिना कान पूरी तरह से खराब हो गया और दूसरे कान की सुनने की क्षमता भी 50 प्रतिशत चली गई। चेहरा, छाती, हाथ भी झुलस गया। इस पर साल 2019 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पीड़िता ने मुआवजे के तौर पर 50 लाख देने, निशुल्क सुविधा प्रदान करने और नौकरी के आदेश पारित करने की याचना की थी।


सरकार व याची के अधिवक्ता ने यह रखा पक्ष
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से यह पक्ष रखा गया कि याचिकाकर्ता को हर चीज का प्रमाण एक अलग फोरम पर देना चाहिए। हाईकोर्ट में सीधे रिट याचिका नहीं करनी चाहिए। ऐसे प्रकरण में लाभ देने से सभी लोग ऐसी प्रतिपूर्ति चाहेंगे। इसके जवाब में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि सरकार एक पीड़िता को उचित मुआवजा क्यों नहीं दे सकती। जबकि राजनीतिक मामलों में सरकार करोड़ों रुपये लुटा देती है। पीड़िता की इज्जत, जीवन यापन के लिए उसे प्रतिपूर्ति दिया जाना चाहिए। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद एकलपीठ ने पीड़िता को 35 लाख मुआवजे के अतिरिक्त चिकित्सा और सर्जरी पर होने वाले सभी व्यय राज्य सरकार को वहन करने के आदेश पारित किए।

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