अस्कोट वन्यजीव अभ्यारण्य के ईको सेंसिटिव ज़ोन की अन्तिम अधिसूचना

स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मांग पर माननीय वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत जी   के विशेष प्रयासों से अस्कोट वन्य जीव विहार के ईको-सेंसिटिव जोन की दिनाँक 02 दिसम्बर 2021को जारी अन्तिम अधिसूचना (Final notification) में एक भी ग्राम को सम्मिलित होने से बाहर कर दिया है, ताकि निकट भविष्य में किसी भी प्रकार के विकास प्रयोजनों हेतु कोई भी बाधा उत्पन्न नहीं हो। अस्कोट वन्यजीव अभ्यारण्य की स्थापना 600 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में की गई थी। अभ्यारण्य बनाने का मूल उद्देश्य क्षेत्र में वनस्पतियों और वन्यजन्तुओं की वृहद जैवविविधता का संरक्षण करना था। पारिस्थितिकीय  संवेदी ज़ोन  का  विस्तार  असकोट  वन्यजीव अभ्यारण्य  की  सीमा  के  चारों  ओर  0 (शून्य)  से  22  किलोमीटर  तक  विस्तृत  है  और  पारिस्थितिकीय  संवेदी ज़ोन का  क्षेत्रफल 454.65  वर्ग किलोमीटर  है।  अंतरराष्ट्रीय सीमा  के   कारण  अभ्यारण्य  के   पूर्वी,  दक्षिणी  और  पश्चिमी  भागों  की  ओर पारिस्थितिकीय  संवेदी ज़ोन  का  शून्य  विस्तार  है;  जबकि,  अन्य  स्थानों  पर,  क्षेत्र  में  रहने  वाले  स्थानीय समुदाय  और  आदिम आदिवासी  समूहों  (वन  राजि)  के   साथ  सार्वजनिक परामर्श  के दौरान  लिए गए  स्थिरता  के   कारण  शून्य विस्तार  है। इस प्रकार यह प्रदेश का ऐसा पहला ईको-सेंसिटिव जोन बनाया गया है, जिसमें एक भी ग्राम सम्मिलित नहीं है।

electronics
ये भी पढ़ें:  बड़ी खबर: भाजपा ने की जिलाध्यक्षों की घोषणा, रूद्रप्रयाग से भारत भूषण और टिहरी से उदय सिंह रावत समेत इन नेताओं को मिली जिम्मेदारी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *