मनोज कुमार बागेश्वर
बागेश्वर: उत्तराखंड में शासन-प्रशासन के नाक के नीचे लगातार धड़ल्ले से खनन चल रहा है और अब यह खनन उत्तराखंड के लिए नासूर बनता जा रहा है वही बात करें बागेश्वर के कांडा गांव की तो वहां खनन से पहाड़ खोखले होते जा रहे हैं और जोशीमठ जैसे हालात खनन ने वहां पैदा कर दिए हैं। और आने वाले समय में यदि खनन इसी तरह होता रहे तो कई गांव आपदा की चपेट में आ जाएंगे और कई लोग बेघर हो जाएंगे।
कांडा में आबादी के बीच चल रही खड़िया माइंस ग्रामीणों के लिये विनाशकारी साबित हो रही हैं। कांडा के कालिका मंदिर में आ रही दरारों के बाद अब यहां आस पास के कई मकानों में दरारे पड़ रही है।ग्रामीणों के अनुसार ये दरारे भी गांव में हो रहे खड़िया खनन के कारण आयी हैं।ग्रामीणों के आंगन एक ओर झुक गये हैं, घरों में गहरी दरारे आ रही हैं। बागेश्वर में आ रहे दरारें भविष्य में जोशीमठ जैसा रूप ले सकती हैं इससे पहले बागेश्वर जोशीमठ बने खड़िया माइनों पर प्रशासन को जल्द ही रोक लगाने कि आदेश जारी कर देना चहिए जिससे आगे होने वाले नुकसान को रोका जा सकता है। गांव में प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच कर जाँच में जुट गई है।