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कुमाऊं की स्कूलों में हो रही है गढ़वाली सरस्वती वंदना ‘तेरु शुभाशीष च रे जो कुछ बि पायि मिन, जिसके रचयिता हैं लोक कवि अध्यापक संदीप रावत: देखें वीडियो

रैबार पहाड़ का

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      श्रीनगर गढ़वाल निवासी संदीप रावत रा.इ.कॉलेज धद्दी घंडियाल  बडियारगढ़, टिहरी गढ़वाल में रसायन विज्ञान के प्रवक्ता हैं एवं एक गढ़वाली कवि व साहित्यकार हैं। उनके द्वारा रचित गढ़वाली प्रार्थना ‘तेरु शुभाशीष च रे जो कुछ बि पायि मिन ‘ आज गढ़वाल के कई स्कूलों के साथ -साथ कुमांऊ के स्कूलों की प्रार्थना सभा में यह गढ़वाली प्रार्थना हो रही है जिसे बहुत पसंद किया जा रहा है। साथ ही इस प्रार्थना की धुन उन्होंने स्वयं तैयार की है। एवं उन्होंने अन्य गढ़वाली प्रार्थनाओं की भी लय, धुन तैयार की है।


      संदीप रावत का कहना है कि यह एक सुखद बात है कि स्कूली बच्चे एवं नई पीढ़ी इस प्रकार की गतिविधियों के द्वारा अपनी मातृभाषा से जुड़ रहे हैं और उनमें अपनी मातृभाषा के प्रति अनुराग पैदा हो रहा है।स्कूल की प्रार्थना सभा में उनका गढ़वाली सरस्वती वंदना एवं प्रार्थना शुरू करने का उद्देश्य भी यही रहा है कि बच्चे अपनी मातृभाषा से जुड़ सकें। गढ़वाल एवं कुमांऊ  के अन्य विद्यालयों के शिक्षक भी उनसे एवं सोशल मीडिया से इस गढ़वाली वंदना को ले रहे हैं।
     कुमांऊ से उच्च प्राथमिक विद्यालय फोर्ती, लोहाघाट (चम्पावत ) के शिक्षक श्री लक्ष्मण सिंह मेहता का कहना है कि यह गढ़वाली प्रार्थना  बहुत अच्छी लिखी गई है और इसके सुर,लय एवं धुन भी बहुत अच्छी है जिससे बच्चे आसानी से कर पा रहे हैं।शिक्षक समाज को ऐसे शिक्षकों पर गर्व है।

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