-दीपक बेंजवाल/वरिष्ठ पत्रकार
दमदार आवाज और बेबाक पत्रकारिता के लिए मशहूर युवा पत्रकार कुलदीप राणा ‘आजाद’ को वर्ष 2022 के ‘चंद्रकीर्ति सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान मंदाकिनी के सुप्रसिद्ध पत्रकार चंद्रप्रकाश भट्ट की स्मृति में दिया जाता है। अब तक 16 हस्तियों को यह पुरस्कार दिया जा चुका है।
कुलदीप राणा आजाद उत्तराखंड के उन युवा योद्धा पत्रकारों में शामिल है जिन्होने जनपक्षधारिता को सदैव सर्वोपरि रखते हुए आम जन की आवाज को मजबूत किया है। अपनी इस बेबाक पत्रकारारिता में उन्होंने बड़े मीडिया घरानों की कार्पोरेट पत्रकारारिता और गुलाम पत्रकारिता को आईना दिखाते हुऐ उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी पत्रकारिता की आवाज को बुलंद किया। दबे, कुचले, शोषित वर्ग की आवाज बनना हो या वंचितों को हक दिलाने की बात हो, कुलदीप आजाद ने अपने नाम के अनुरूप आजादी से बिना किसी भेदभाव के सच्चाई को समाज के सामने रखते रहे।
15 जुलाई 1992 को चमोली जिले के पोखरी तहसील के अन्तर्गत खन्नी गाँव में रघुवीर सिंह राणा के घर जन्मे कुलदीप तीन भाई बहिनों में सबसे छोटे है। माँ सतेश्वरी देवी गाँव में ही खेतीबाड़ी का कार्य करती है। कुलदीप की प्रारंभिक शिक्षा गाँव की प्राथमिक स्कूल में हुई। 8वीं तक की पढाई राइका थालाबैण्ड से करने के बाद
गाँव की संघर्षशील परिस्थतियों में खुद को निखारने के लिए कुलदीप पत्रकार बनने की राह पर निकल पड़े। साथ ही आगे की शिक्षा ग्रेजुएशन और पत्रकारिता रुद्रप्रयाग श्रीनगर से की। पत्रकारिता की इस राह में उनके गुरू बने उत्तराखंड में पत्रकारिता जगत के पितामह रमेश पहाड़ी। 23 अप्रैल 2008 में पत्रकार रमेश पहाड़ी द्वारा संपादित ‘अनिकेत’ लेखों के जरिए पत्रकार बनने का सफर शुरू हुआ। इस दौरान मंदाकिनी घाटी के एक और वरिष्ठ पत्रकार अनसूया प्रसाद मलासी से इन्होंने पत्रकारिता के गुर सीखे। वर्ष 2014 में प्राइम न्यूज टीवी चैनल के जरिए इलैक्ट्रानिक मीडिया में आऐ। 2015 में दैनिक जागरण और 2017 में अमर उजाला में बतौर पत्रकार काम किया। 2018 में पुनः तहलका न्यूज के जरिए इलैक्ट्रानिक मीडिया से जुड़े और 2019 में अपने स्वतंत्र न्यूज चैनल केदारखण्ड एक्सप्रेस की नींव रखी। इस चैनल के जरिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर घाटी की पत्रकारिता में एक नई क्रांति का सूत्रपात हुआ। जनता खासकर युवा वर्ग आपकी बेबाक आवाज का मुरीद बन गया। करोड़ो फलोवर्सो के साथ आप लगातार जनमुद्दों पर रिपोर्टिंग करते रहे। आज छोटी उम्र में आपकी बेबाक पत्रकारिता एक ऊँचे मुकाम पर आ गई है। इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए आगामी 13 दिसम्बर को अगस्त्यमुनि में आयोजित स्मृति सम्मान समारोह में मंदाकिनी घाटी के सुप्रसिद्ध पत्रकार स्वर्गीय चंद्रप्रकाश भट्ट की स्मृति में दिए जाने वाले ‘ चंद्रकीर्ति’ सम्मान से आपको सम्मानित किया जा रहा है।
आयोजन समिति से जुड़े गिरीश बेंजवाल, अनसूया प्रसाद मलासी और सचिव हिमांशु भट्ट ने बताया की
उत्तराखंड राज्य बनने के दौरान वर्ष 2000 से प्रारंभ हुऐ पत्रकार चंद्रप्रकाश भट्ट स्मृति ‘ चंद्रकीर्ति’ सम्मान से अब तक 15 हस्तियां सम्मानित कर चुकी है। जिनमें वयोवृद्ध पत्रकार नरेन्द्र दत्त जमलोकी, साहित्यकार गिरीश बेंजवाल, पत्रकार रमेश पहाड़ी, समाजसेवी धनसिंह गुसाई, शिक्षाविद पुष्कर सिंह कंडारी, साहित्यकार पद्म सिंह गुसाई, कलश के संस्थापक ओमप्रकाश सेमवाल, पत्रकार अनसूया प्रसाद मलासी, पत्रकार ओमप्रकाश बहुगुणा, पत्रकार प्रमोद सेमवाल, लेखक शम्भू प्रसाद भट्ट, लेखक भगत सिंह चौहान, पत्रकार लक्ष्मण सिंह नेगी, उत्तराखंड राज्य आन्दोलनकारी अवतार सिंह राणा, संस्कृति एवं रंगकर्मी राकेश भट्ट और मंदाकिनी नदी बचाओ अभियान के नेत्री सुशीला भंडारी को सम्मानित किया जा चुका है।