ऊर्जा मंत्री ने मीटिंग बुलाई थी जरूरी -अधिकारी तैयारी करके आए आधा-अधूरी- फिर आया मंत्री जी को गुस्सा

देहरादून-विधानसभा भवन में मा० ऊर्जा मंत्री डॉ हरक सिंह रावत जी ने श्रीनगर जल विद्युत परियोजना के प्रभावितों की समस्याओं के सम्बंध में परियोजना का संचालन करने वाली संस्था जी.वी.के कम्पनी व ऊर्जा विभाग के अधिकारियों की बैठक ली।

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ऊर्जा मंत्री डॉ हरक सिंह रावत को आया गुस्सा

बैठक में स्थानीय विधायक विनोद कंडारी ने कम्पनी द्वारा 90 कर्मचारियों को हटाने, डैम लीकेज , मोटरमार्ग के निर्माण , प्रदूषण तथा कम्पनी द्वारा ग्रामीणों से किये गए अनुबंध की शर्तों को पूरा न करने का मुद्दा उठाया।

बैठक में उपस्थित ग्रामीणों ने बताया कि कम्पनी प्रबंधन द्वारा बिना किसी पूर्व नोटिस के 90 कर्मचारियों को हटाया गया, जिसके कारण उनके ऊपर गम्भीर आर्थिक संकट उत्पन हो गया है । डैम लीकेज के कारण भय का माहौल भी बना हुआ है लेकिन परियोजना का संचालन करने वाली संस्था जीवीके को न तो शासन-प्रशासन के निर्देशों की परवाह है और न ही किसी जनांदोलन, न भूवैज्ञानिकों की चेतावनी की।
बैठक में मा० मंत्री जी द्वारा जी.वी.के कम्पनी के अधिकारियों को अनुबंध की शर्तों /वायदे को पूरा करने के तत्काल निर्देश दिए ।
90 हटाये गए कर्मचारियों को पुनः समायोजित करने या वन टाइम सैटलमेंट की व्यवस्था के लिए जिलाधिकारी टिहरी की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई जिसमें लेबर कमिश्नर , सचिव पर्यटन व जी.वी.के कम्पनी की तरफ से परियोजना के समन्वयक होंगे। कमेटी को 15 दिन के भीतर प्रस्ताव बनाकर सरकार के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

बैठक में विधायक देवप्रयाग विनोद कंडारी, सचिव ऊर्जा, सचिव पर्यावरण , जिलाधिकारी टिहरी ,जीवीके कम्पनी के परियोजना के समन्वयक, माननीय ऊर्जा मंत्री के ओएसडी इत्यादि उपस्थित रहे

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