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“धर्म रक्षक धामी” ने कालसी में यमुना घाट की आधारशिला रख सनातनियों को दिया बड़ा तोहफा

-राज्य में धर्मांतरण कानून लागू करने के साथ ही चारधामों में चल रहे हैं तमाम कार्य

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-कुमाऊं में मानसखंड कॉरिडोर को भी किया जा रहा है विकसित

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज उत्तराखंड सहित समूचे देश के सनातनियों को बड़ा उपहार देने का कार्य किया है। उत्तराखंड के हरिपुर कालसी क्षेत्र में यमुना घाट के निर्माण की आधारशिला रख “धर्म रक्षक धामी” ने तमाम सनातनियों की बर्षों पुरानी इच्छा को पूर्ण करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बड़ा दिया है।
राज्य में धामी सरकार पहले ही धर्मांतरण को रोकने के लिए कड़ा कानून लागू कर चुकी है तो वही, चारों धामों सहित कुमाऊं में मानसखंड कॉरिडोर को विकसित करने पर सीएम धामी का विशेष फोकस है।
इसी क्रम में धामी सरकार की ओर से आज एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। दरअसल, मुख्यमंत्री एक ऐसे हिन्दू महातीर्थ के धार्मिक और पौराणिक स्वरूप को वापस लाना चाहते हैं जो कहीं खो सा गया था। वो महातीर्थ दो नहीं, तीन नहीं बल्कि चार नदियों का महासंगम है, जहां अशोक शिलालेख स्थित है, जहां वेद व्यास जी ने तपस्या की थी और जहां अश्वमेघ यज्ञ होने के प्रमाण आज भी मौजूद हैं। ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के ऐसे स्थान को ‘कालसी’ के नाम से जाना जाता है।
जनजाति क्षेत्र जौनसार बावर का यह प्रवेश द्वार अब तक हाशिये पर था। हरिपुर के यमुना तट पर रामायण काल के इतिहास से जुड़ी यमुना, टौंस, नौरा व अमलावा समेत चार महत्वपूर्ण नदियों का संगम स्थल है। आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करोड़ों की लागत से कालसी (हरिपुर) में यमुना घाट के निर्माण की आधारशिला रख दी गयी है।उनका उद्देश्य कालसी को ‘हरिपुर पावन तीर्थ’ और ‘जमुना कृष्ण धाम’ के रूप में पुर्नस्थापित करना है। यह पावन कार्य श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के शुभ मुहूर्त पर हो रहा है। इसकी जिम्मेदारी ‘मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण’ को सौंपी गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज कालसी, रामलीला मैदान में आयोजित कार्यक्रम में इन कार्यों का शिलान्यास करते हुए कहा कि यह कार्य पौराणिक मान्यताओं को पुनर्जीवित करने एवं आध्यात्मिक, सनातन संस्कृति के नए अध्याय को लिखने का कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि हरिपुर क्षेत्र एक बड़ा तीर्थ स्थल हुआ करता था, यह क्षेत्र चारधाम यात्रा का भी एक महत्वपूर्ण स्थल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिपुर क्षेत्र में यमुना जी के तट को विकसित कर एक नए तीर्थ स्थल के रूप में आगे बढ़ाया जाएगा। यह क्षेत्र हरिद्वार ऋषिकेश के भांति विश्व विख्यात हो इसके लिए राज्य सरकार हर संभव मदद करेगी।

परियोजना के प्रमुख बिंदु

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प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने बताया कि कालसी शहर के आमजन की बहुप्रतीक्षित मांग को दृष्टिगत रखते हुए राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार की राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा संचालित नमामि गंगे योजना के अंतर्गत मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के माध्यम से स्नान घाट का निर्माण किया गया है। उन्होंने बताया कि घाट का निर्माण यमुना नदी के दाएं तट पर 170 मी लम्बाई व 15 मी चौड़ाई में रु 752 लाख लागत से कराया गया है। इस परियोजना के अंतर्गत सायंकाल आरती हेतु 5 छतरी, 1 गजीबो, श्रद्धालुओं के बैठने हेतु उचित व्यवस्था एवं शेल्टर का निर्माण, स्नान के समय नदी के प्रवाह से सुरक्षा हेतु एस. एस. रेलिंग एवं सेफ्टी चैन का प्राविधान किया गया है तथा साथ ही रात्रि के समय उचित पथ प्रकाश हेतु सोलर लाइट एवं हाई मास्ट भी प्राविधानित की गयी हैं। जनसुविधाओं को ध्यान में रखते हुए चेंजिंग रूम एवं शौचालयों का पुनरुद्धार किये जाने के साथ- साथ पेयजल की सुविधा भी विकसित की जाएगी। यात्रियों की सुविधा हेतु स्थान स्थान पर साइनेज भी लगाए जायेंगे।

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