श्री केदारनाथ धाम पैदल यात्रा में संचालित घोड़ा खच्चरों की अज्ञात बीमारी से हो रही मौत। गौरीकुंड स्थित घोड़ा पड़ाव में रोजाना घोड़ा खच्चर बीमार हो रहे हैं।
प्राप्त सूचना के अनुसार 6 मई से अब तक 100 से अधिक घोड़े खच्चरों की मौत हो चुकी है।
वहीं केदारनाथ पैदल मार्ग पर संचालित 8200 घोड़े खच्चरों का जिला प्रशासन के द्वारा पंजीकरण किया जा चुका है। घोड़ा खच्चर संचालक गोविंद सिंह रावत ने बताया कि रोजाना हो रही घोड़े खच्चरों की मौत से घोड़ा खच्चर संचालकों में खौफ बना हुआ है।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी आशीष रावत ने बताया उनके पास अभी तक 48 के लगभग घोड़े खच्चरों की मृत्यु के दस्तावेज प्राप्त हुए हैं।
वहीं इस वर्ष बड़ी उम्मीद के साथ जनपद रुद्रप्रयाग सहित चमोली व उत्तरकाशी के घोड़ा खच्चर संचालक रोजगार के लिए पहुंचे हैं, परन्तु पशुओं की हो रही अचानक मौत से उन्हें आर्थिक रूप से भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
घोड़ा खच्चर संचालक अरविंद सिंह राणा ने कहा कि घोड़े खच्चर बीमार हो रहे हैं लेकिन समय पर मेडिकल उपचार नही मिल पा रहा है, उन्होंने कहा कि घोड़े खच्चरों के मलद्वार से आंत बाहर आ रही है, साथ ही मुंह से झाग निकल रहा है, इस अज्ञात बीमारी से उपचार न मिल पाने के कारण घोड़े खच्चरों की मौत हो रही है।

