ग्राम करौली के रहने वाले ईश्वरीय लाल शाह पेशे से एक किसान और भेड़ पालक है। आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण वह सिर्फ दूसरी कक्षा तक ही स्कूल पढ़ पाए जिसका मलाल उन्हें आज तक है।
वे शिक्षा के महत्व को भली-भांति जानते हैं। गांव के जूनियर हाई स्कूल में बच्चों को उबर खाबड में खेलता देख ईश्वरी लाल शाह का दिल पिघल गया।
विद्यालय में बाउंड्री वाल ना होने के कारण आवारा जानवर भी विद्यालय में आ जाते हैं। जिससे बच्चों के पढाई में व्यवधान होता था इसे देख उन्होंने मन ही मन ठान लिया कि वे विद्यालय और बच्चों के लिए कुछ करके ही रहेंगे।
इसके लिए ईश्वरीय लाल ने अपने जीवन की पूंजी लगभग ढाई लाख रुपए विद्यालय को दान दे दी ताकि बच्चे फील्ड में खेल सके और आवारा पशु विद्यालय में प्रवेश न कर सकें जिससे पठन-पाठन में व्यवधान पैदा ना हो।
उन्होंने स्कूल को आवश्यकता होने पर और भी सहायता कराने की बात कही है, पूरे क्षेत्र में उनके इस कार्य की सराहना की जा रही है।