डॉ0 वीरेन्द्र सिंह बर्त्वाल,वरिष्ठ पत्रकार ,लेखक
हेमवती नन्दन गढ़वाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 अन्नपूर्णा नौटियाल ने नई शिक्षा नीति को भारत का गौरव बताते हुए कहा कि इसमें नवाचार, भारतीय भाषाओं को महत्त्व दिया जाना, क्रेडिट सिस्टम इत्यादि व्यवस्थाएं न केवल छात्र हित में, बल्कि देश हित में भी हैं। इस नीति में छात्र के समय की कीमत समझते हुए उसका सदुपयोग किया गया है। यह नीति आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना में मील का पत्थर साबित होगी।
केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर में न्याय दर्शन विभाग द्वारा भारतीय दर्शन दिवस पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने भारतीय दर्शन की मीमांसा करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा दर्शन विचारों की उच्चता वाला है। इसमें आत्मा और परमात्मा के समन्वय तथा मानवता की गंभीर व्याख्या है। उन्होंने कहा कि आने वाला समय योग और संस्कृत का है। कुछ वर्षों से भारत ही नहीं, विदेश में भी लोगों का रुझान संस्कृत की ओर बढ़ने लगा है। योग को भले ही कुछ लोगों ने ’योगा’ के स्वरूप में ढाल दिया है, लेकिन वह भारत के ही ज्ञान का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि हमारे शास्त्रों में न केवल नीति निरूपण है, बल्कि शरीर को स्वस्थ रखने के सूत्र भी निबद्ध हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए परिसर निदेशक प्रो0 एम0 चन्द्रशेखर ने कहा कि कोई भी विषय दर्शन से अछूता नहीं है। हमारा भारतीय दर्शन विराट ज्ञान का आधार है। यहां के ऋषि-मुनियों, दार्शनिकों और चिंतकों का ज्ञान आज विश्वभर के विश्वविद्यालयों में बांटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के श्री रघुनाथ परिसर को विशिष्ट पहचान दिलाने के लिए वे कृतसंकल्प हैं।
इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक डॉ0 सच्चिदानंद स्नेही ने दो दिवसीय संगोष्ठी की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में आयोजित किया जा रहा है। सौ से अधिक प्राध्यापक और शोध छात्र इस संगोष्ठी में रिसर्च पेपर पढ़ेंगे। इस अवसर पर विभिन्न गतिविधियों में श्रेष्ठ रहे विद्यार्थियों वर्षा नेगी,स्वामी गीतानंद,श्रुति शर्मा,मंदीपसिंह रावत,अंशुल पाठक,दीपक नौटियाल आदि को पुरस्कार दिए गए।
कार्यक्रम का संचालन डॉ0 मनीषा आर्या ने किया। इस अवसर पर डॉ0 वीरेन्द्र सिंह बर्त्वाल, डॉ0 शैलेन्द्र प्रसाद उनियाल, डॉ0 अनिल कुमार, डॉ0 अरविन्दसिंह गौर, डॉ0 सुरेश शर्मा, डॉ0 दिनेशचन्द्र पाण्डेय, डौ0 गौतम कुमार चौधरी, आशुतोष तिवारी, डॉ0 अमन्द मिश्र, जनार्दन सुवेदी, रघु बी0 राज, डॉ0 मोनिका बोल्ला, पंकज कोटियाल, नवीन डोबरियाल, डॉ0 अवधेश बिजल्वाण आदि उपस्थित थे।