प्रदेश में विधानसभा चुनाव विगत 14 फरवरी को संपन्न हो चुके हैं, जबकि 10 मार्च के आने वाले चुनावी परिणाम के लिए जीत हार की कयासबाजी अभी भी जारी है।
बात अगर प्रताप नगर विधानसभा की करें तो यहां की राजनीति प्रदेश बनाने के बाद कुछ हटकर होती है। प्रतापनगर को ठेकेदार बाहुल्य क्षेत्र कहा जाता है, क्योंकि यहां के अघिकांश पुरुष ठेकेदारी और अन्य उद्योगों में अपना जीवन यापन करते हैं। जिस कारण यहां पर 5 साल का बच्चा भी राजनीति से रूबरू रहता है।
इस बार भी यहां पर मुख्य मुकाबला दोनो राष्ट्रीय पार्टियों के बीच रहा है। कांग्रेस से विक्रम सिंह नेगी और बीजेपी से विजय सिंह पंवार।
जबकि पूर्व से बीजेपी के नेता रहे राजेश्वर पैन्यूली ने अक्सर हर विधानसभा चुनाव में बीजेपी से बगावत करके चुनाव लड़ा है लेकिन इस बार बगावत ना करके अपनी पार्टी के प्रत्याशी विजय सिंह पंवार (गुड्डू) के लिए तन मन से काम किया। राजेश्वर पैन्यूली ने 2017 चुनाव के बाद कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी लेकिन 4 वर्ष होने के बाद भी उन्हें कांग्रेस की रीति नीति और विचारधारा समझ नहीं आई जिस कारण उन्होंने 2022 विधानसभा चुनाव से ठीक पूर्व कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा देकर अपने सेकंडों कार्यकर्ताओं के साथ पुनः भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली।
चुनाव से ठीक पहले जब राजेश्वर पैन्यूली ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की तो कयास लगाए जा रहे थे कि शायद राजेश्वर को इस बार बीजेपी अपना उम्मीदवार घोषित कर सकती है लेकिन ऐसा नहीं हुआ बल्कि पार्टी ने इस बार भी उनपर दांव खेलने में अपने कदम पीछे खींच लिए और राजेश्वर को पार्टी पक्ष में काम करने की नसीहत दी।
वहीं टिकट ना मिलने पर हमने जब राजेश्वर पैन्यूली से बात की तो राजेश्वर पैन्यूली ने साफ स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब सिर्फ बीजेपी का सिपाही हूं पार्टी का जो आदेश होगा वही मेरे लिए मान्य होगा और इस बार प्रतापनगर से बीजेपी प्रत्याशी विजय सिंह पंवार के लिए जी जान से काम करूंगा।
यही कारण है कि जो सीट बीजेपी के हाथों से खिसकती दिख रही थी, चुनाव आते आते बीजेपी ने यहां खूब बढ़त हासिल की और मुकाबला रोचक बना दिया।
राजेश्वर पैन्यूली आज भी 5 से 8 हजार वोट लाने की क्षमता रखते हैं , जिस कारण प्रतापनगर में राजेश्वर का समर्थन बीजेपी के बढ़त हासिल करने में काफी मददगार साबित होगा।