02 दिसंबर 2022 को उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी की मीडिया पैनेलिस्ट और उत्तराखंड प्रोफेशनल्स कांग्रेस की उपाध्यक्ष ने कांग्रेस भवन में एक प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार द्वारा उत्तराखंड की 164 स्वयं सहायता समूह से टेक होम राशन स्कीम के छीनने के सरकार की मंशा पर सवाल उठाए और भाजपा सरकार को आड़े हाथो लिया। यह स्कीम रोकने का कारण केवल महिलाओं का रोजगार छीनना और किसी निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने की मंशा है और यह केंद्र की सरकार के निर्देशों पर किया जा रहा है। महिलाओं का रोजगार छीन कर राज्य की महिलाओं पर प्रहार है। पूरे प्रदेश से आईं कई स्वयं सहायता समूह से जुडी महिलाए मौजूद रही और अपनी बात रखी।
सुजाता पॉल ने कहा कि टेक होम राशन डॉ मनमोहन सिंह सरकार के द्वारा 2013 में लाई गई जिसे हरीश रावत की कांग्रेस सरकार 2014 – 2015 में उत्तराखंड लाई। यह एक ऐसी स्कीम है जो महिलाओं को रोजगार प्रदान करने के साथ सशक्त भी करती है परंतु उत्तराखंड की सरकार 2021 में भी ई टेंडर करके 652 करोड़ का काम किसी निजी कंपनी को देने की तैयारी में थी। महिलाओं ने आंदोलन किए, न्यायलय गई और तब जाकर अगस्त 2021 में इस टेंडर प्रक्रिया पर मुख्यमंत्री ने रोक लगाई।
मंत्री रेखा आर्य द्वारा सदन के पटल पर आधार कार्ड की अनिवार्यता, भुगतान जैसे सवालों पर गुमराह करने की कोशिश करी गई।
राज्य में 164 स्वयं सहायता समूह है और हर समूह में 10 महिलाएं काम करती हैं स्वयं सहायता समूह जो THR के काम में लगे है के माध्यम से एक लाख से भी अधिक लोग रोजगार पाते हैं और लाभार्थियों को पौष्टिक आहार प्राप्त होता है। गर्भवती एवं धात्री (6 महीने से 3 साल तक) महिलाओं को इसका लाभ प्राप्त होता है परंतु अब सरकार ने टेक होम राशन का कार्य स्वयं सहायता समूह से छीन कर फिर किसी निजी कंपनी को देने का मन बना लिया है और इसी कारण से दिसंबर में पोहा, सूजी, मंडवा, मूंग की दाल, गुड़ इत्यादि बंटवाने के बजाय सस्ते गल्ले की दुकान से गेहूं और चावल देने के निर्देश जारी किए है। उत्तराखंड शिशु मृत्यु दर, कुपोषण, महिला सशक्तिकरण सूचकांक में बेहतर स्थान प्राप्त करती रही है परन्तु पौष्टिक आहार से वंचित होने पर महिलाओं और बच्चों पर सबसे बुरा असर पड़ेगा।
सुजाता पॉल ने आरोप लगाया कि कुछ महीने सस्ते गल्ले की दूकान से गेहूँ, चावल देने के बाद मंत्री रेखा आर्य खाद्य सामग्री की गुणवत्ता पर सवाल उठाएंगी और तदोपरांत निजी कंपनी को देने की बात करने लगेंगी और टेंडर कर दिया जाएगा। बेरोज़गार वो महिलाए होंगी जो उत्तराखंड की पहाड़ी महिला किसान है , जो पैकिंग करती है, जो पैकेट बनाती हैं, जो लोडर चालाक जो इस सामग्री को आंगनवाड़ी तक पहुंचाते हैं।
उनका यह भी आरोप था कि मंत्री रेखा आर्य ने विधानसभा सत्र के दौरान गुमराह करने के लिए ये कह दिया कि टीएचआर सामग्री लेने के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता नहीं होती है जबकि ये सच नहीं है। मंत्री रेखा आर्य ने भुगतान के सवाल पर भी गुमराह किया और कहा कि मार्च 2022 तक का सभी स्वयं सहायता समूहों का भुगतान किया जा चूका है जबकि कई समूहों की महिलाओं ने इस बात को सरे से नकारते हुए कहा कि उनका पिछले साल के बकाए का भुगतान नहीं हुआ है।
महिलाओं ने बताया कि सरकार के भरोसे उन्होंने बाजार से अपने काम पर असर न पड़ने देने के लिए बाज़ार से उधार उठाया हुआ है और अब किश्त देने में भी परेशानी का सामना कर रहे हैं। एक तरफ बेरोज़गारी की मार और दूसरी तरफ कर्ज़े का बोझ महिलाओं की मुश्किलों को बढ़ा रहा है।
सुजाता पॉल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी उत्तराखंड की हर उस महिला के साथ खड़ी है जो इस संघर्ष में शामिल है और उनके साथ कंधे से कन्धा मिला कर सरकार से टेक होम राशन स्कीम को प्रदेश हित में जारी रखने के लिए हर मोर्चे पर संघर्ष करेगी क्योंकि यह प्रदेश की महिलाओं, उनके रोज़गार, गर्भवती महिलाओं और बच्चों से जुड़ा संवेदनशील मुद्दा है।
महिलाओं ने अपनी बात रखते हुए कहा कि बहुत कठिनाइयों का सामना करके वे अपने घरों से निकल कर ये काम कर रहीं थी और अब इस संकट से जूझने का रास्ता उनके पास नहीं है।
गीता मौर्या ने कहा कि जब टेक होम राशन के बारे में मंत्री रेखा आर्य ने सदन में उसकी पौष्टिकता का प्रमाण दिया तो इस स्कीम को रोकने का क्या मतलब है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि महिलाओं से उनका रोज़गार छीना गया तो वे और भी गंभीर कदम उठाने पर मजबूर हो जाएंगी।
1 दिसंबर 2022 को हरिद्वार की 17 स्वयं सहायता समूह ने माननीय उच्च न्यायलय में एक याचिका भी दायर की है।
इस मौके पर कांग्रेस मीडिया पैनेलिस्ट गरिमा दसौनी, पूजा द्विवेदी, कोमल देवी, रीता नेगी, सुषमा, गीतांजलि रावत, लिब्बरहेटी के गुरु चेतना समूह से संतोष देवी, सीमा देवी और अमरी देवी, सरस्वती समूह से ललिता देवी, रचना और कविता, लक्सर समूह से पिंकी, सुल्ताना और रौशनी, बहादराबाद से मंजू, सलेमपुर से लक्ष्मी सैनी, भगवानपुर से नीलम सैनी, डोईवाला से पिंकी और अन्य समूहों से कौशल देवी, कमलेश, फरीदा, लेना धीमान, रीतू, जयमाला मौजूद रहीं।