organic ad

big breaking:केन्द्र पोषित योजनाओं के क्रियान्वयन में लायें तेजीः डॉ0 धन सिंह रावत

स्वास्थ्य मंत्री ने निर्माण एवं अन्य योजनाओं की समीक्षा बैठक में दिये निर्देश

electronics

कहा, किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त, कार्यदायी संस्थाओं को भी चेतावनी

स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत संचालित केन्द्र पोषित योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की हीलाहवाली बर्दाश्त नहीं की जायेगी। जिन जनपदों में निर्माण कार्य एवं अन्य योजनाएं समय पर पूर्ण नहीं होगी संबंधित मुख्य चिकित्साधिकारी जिम्मेदार माने जायेंगे। केन्द्र पोषित योजनाओं की मॉनिटरिंग महानिदेशालय स्तर पर भी सुनिश्चित की जायेगी। समय पर यूसी न देने वाली कार्यदायी संस्थाओं के खिलाफ भी एक्शन लिया जायेगा।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज स्वास्थ्य महानिदेशालय में आयोजित विभाग की समीक्षा बैठक में केन्द्र पोषित योजनाओं का नियम समय पर क्रियान्वयन के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा एनएचएम सहित विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत धनराशि स्वीकृत की गई है। जिसका क्रियान्वयन समय पर करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर के निर्माण कार्यों एवं अन्य योजनाओं के संचालन की जिम्मेदारी संबंधित सीएमओ की होगी। इसके साथ ही महानिदेशालय स्तर पर भी विभिन्न कार्यों को समय पूर्ण किये जाने तथा भारत सरकार को यूसी भेजने का जिम्मा नोडल अधिकारियों का होगा। अपने दायित्वों में लापरवाही बरतने वाले किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जायेगा। उन्होंने विभागीय कार्यों में लगे कार्यदायी संस्थाओं को भी दो टूक शब्दों में कहा कि समय पर यूसी उपलब्ध न कराने के स्थिति में उनके विरूद्ध भी कार्रवाई अमल में लायी जायेगी। डॉ0 रावत ने विभिन्न जनपदों में स्वीकृत क्रीटिकल केयर ब्लॉक (सीसीबी) के निर्माण कार्यों में हो रही देरी पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि एक सप्ताह के भीतर संबंधित योजनाओं की डीपीआर स्वीकृत कराते हुये कार्यदायी संस्थाओं को धनराशि जारी की जाय। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि आईपीएचएस मानकों के अनुसार सभी सरकारी अस्पतालों में पदों की आवश्यकता को देखते हुये प्रस्ताव शीघ्र शासन को उपलब्ध करायें। डॉ0 रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में प्राप्त निर्देशों के पालन में शीघ्र कार्रवाई की जाय तथा क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट, डार्क रूम असिस्टेंट सहित अन्य प्रस्तावों को कैबिनेट के लिये प्रस्तुत किया जाय। उन्होंने खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के अंतर्गत औषधि निरीक्षक एवं खाद्य संरक्षा निरीक्षक सहित सभी रिक्त पदों को तत्काल प्रतिनियुक्ति/सेवा स्थानांतरण के आधार पर भरने के निर्देश अधिकारियों को दिये। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उक्त पदों को राज्य लोक सेवा आयोग से भरने में अधिक समय लगने की सम्भावना है। बैठक में टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत नि-क्षय मित्र योजना की भी समीक्षा की गई। जिसमें हरिद्वार, देहरादून, अल्मोड़ा आदि जनपदों के अधिकारियों को कार्य की प्रगति में तेजी लाने के निर्देश दिये गये।

ये भी पढ़ें:  मुख्यमंत्री ने किया 188.07 करोड़ की 74 योजनाओं का लोकर्पण और शिलान्यास।

बैठक में प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ0 आर0 राजेश कुमार, अपर सचिव अरूणेन्द्र चौहान, गरिमा रौंकली, प्रभारी महानिदेशक डॉ0 विनीता शाह, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ0 आशुतोष सयाना, निदेशक एनएचएम डॉ0 सरोज नैथानी, डॉ0 भागीरथी जंगपांगी, औषधि नियंत्रक ताजबर नेगी, उपायुक्त खाद्य संरक्षा जी0सी0 कंडवाल, डॉ0 पंकज सिंह सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

वी0पी0 सिंह बिष्ट
जनसम्पर्क अधिकारी/मीडिया प्रभारी
माननीय स्वास्थ्य मंत्री।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *